संसद के शीत सत्र में इन मुद्दों पर हंगामे के आसार, सरकार बोली- किसी भी विषय पर चर्चा को तैयार
Parliament Winter Session संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। इससे पहले रविवार को दिल्ली में सर्वदलीय बैठक हुई जिसमें विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने के संकेत दिए। वहीं सरकार ने कहा है कि वह संसद में किसी भी मुद्दे पर चर्चा को तैयार है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद के शांतिपूर्ण सत्र का आह्वान किया।
एएनआई, नई दिल्ली। संसद का शीत सत्र 25 नवंबर, सोमवार से शुरू हो रहा है। शीत सत्र से पहले सरकार ने कहा है कि वह सदन में किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दिल्ली में सर्वदलीय बैठक के बाद रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए संसद के शांतिपूर्ण सत्र का आह्वान किया।
रिजिजू ने कहा कि संसद में चर्चा के लिए कई विषय उठाए गए हैं, क्योंकि कल से शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है। किरेन रिजिजू ने कहा, 'बैठक में 30 राजनीतिक दलों के कुल 42 नेता मौजूद थे। कई विषय हैं। सभी ने कुछ विषयों पर चर्चा के लिए कहा है, लेकिन हम चाहते हैं कि लोकसभा और राज्यसभा में अच्छी चर्चा हो। सरकार किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। हमारा एकमात्र अनुरोध है कि सदन अच्छे से चले और कोई हंगामा न हो। हर सदस्य चर्चा में भाग लेना चाहता है, लेकिन सदन अच्छे से चलना चाहिए। शीतकालीन सत्र को अच्छे से चलाने के लिए सभी का सहयोग और सभी की भागीदारी जरूरी है।'
26 नवंबर को मनाया जाएगा संविधान दिवस
रिजिजू ने कहा कि हालांकि शीतकालीन सत्र कल से शुरू होने वाला है, लेकिन संविधान दिवस समारोह के मद्देनजर 26 नवंबर को कोई सत्र नहीं होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 75 साल पूरे होने पर दोनों सदनों के सदस्यों के साथ संविधान भवन में संविधान दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने कहा, 'कल से सत्र शुरू होगा। परसों लोकसभा या राज्यसभा नहीं होगी, क्योंकि 26 नवंबर को संविधान को अपनाए जाने के 75 साल पूरे हो जाएंगे। इसलिए 75 साल पूरे होने पर संविधान दिवस दोनों सदनों के सदस्यों के साथ संविधान भवन में मनाया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू वहां संबोधित करेंगी और इसके साथ ही हम कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जारी करने जा रहे हैं। इसमें संविधान से जुड़ी कई चीजें प्रकाशित होने जा रही हैं।'रिजिजू ने कहा, 'बहुत से लोगों को नहीं पता कि संविधान निर्माण से पहले क्या-क्या प्रक्रियाएं अपनाई गईं। यह किताब कोई साधारण किताब नहीं है। किताब के अंदर जो तस्वीरें हैं, जो विवरण दिए गए हैं और जो मूल विचार हैं, उन्हें हम सभी को जनता तक पहुंचाने का प्रयास करना होगा। 2015 से पीएम मोदी के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया कि इस देश में संविधान दिवस मनाया जाना चाहिए और तब से लगातार संविधान दिवस मनाया जा रहा है।'
मणिपुर हिंसा पर भी चर्चा की मांग
बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि पार्टी ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान रिश्वतखोरी के मामले में अदाणी पर अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा लगाए गए अभियोग पर चर्चा कराने का आग्रह किया। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में तिवारी ने कहा, 'आज सभी संयुक्त दलों की बैठक हुई। कांग्रेस ने अपना पक्ष रखते हुए पहले (अदाणी अभियोग मामले) पर चर्चा करने की इच्छा जताई है। अमेरिका की अदालत ने संज्ञान लिया है कि एक प्रमुख औद्योगिक घराना, अदाणी समूह उद्योग और सरकार को नियंत्रित कर रहा है। 2300 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई है। हमने इच्छा जताई है कि पहले इस पर चर्चा होनी चाहिए।'राज्यसभा में कांग्रेस सांसद तिवारी ने कहा कि उन्होंने मणिपुर में चल रहे तनाव का मुद्दा भी उठाया और इस पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री (बीरेन सिंह) को हटाया नहीं जाएगा और प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) का दौरा नहीं होगा। इसी वजह से मणिपुर की हालत ऐसी है।'