संसदीय समिति ने की सेना का पूंजीगत बजट बढ़ाने की पैरवी, पाक-चीन की ओर से चुनौतियों का दिया हवाला
एक संसदीय स्थायी समिति ने मंगलवार को कहा कि दो शत्रुतापूर्ण पड़ोसियों की चुनौतियों से निपटने की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय सेना के पूंजीगत बजट में बढ़ोतरी की जानी चाहिए। समिति का शत्रुतापूर्ण पड़ोसियों से मतलब पाकिस्तान और चीन से था।
By Jagran NewsEdited By: Mohd FaisalUpdated: Wed, 22 Mar 2023 05:16 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। एक संसदीय स्थायी समिति ने मंगलवार को कहा कि दो शत्रुतापूर्ण पड़ोसियों की चुनौतियों से निपटने की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय सेना के पूंजीगत बजट में बढ़ोतरी की जानी चाहिए। समिति का शत्रुतापूर्ण पड़ोसियों से मतलब पाकिस्तान और चीन से था।
रक्षा मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की
लोकसभा में मंगलवार को प्रस्तुत रिपोर्ट में समिति ने सैन्य हथियारों के स्वदेशीकरण की दिशा में रक्षा मंत्रालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और उम्मीद जताई कि आगामी वर्षों में सौ प्रतिशत अनुबंध भारतीय विक्रेताओं के साथ किए जाएंगे। सेना के समक्ष चुनौतियों का जिक्र करते हुए संसदीय समिति ने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित सीमा पार आतंकवाद के संदर्भ में छद्म युद्ध का हवाला भी दिया है।
आधुनिकीकरण के लिए धनराशि में हमेशा वृद्धि की जानी चाहिए- समिति
समिति का मानना है कि सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए धनराशि में हमेशा वृद्धि की जानी चाहिए। साथ ही आधुनिकीकरण/पूंजीगत बजट के तहत तय देनदारियों और नई योजनाओं के लिए अलग-अलग आवंटन होना चाहिए। समिति ने इस बात पर संज्ञान लिया कि वर्ष 2023-24 के लिए नौसेना का पूंजीगत व्यय 52,804.75 करोड़ रुपये अनुमानित था।वर्ष 2022-23 में किए गए अनुमान से 14,818.21 करोड़ रुपये कम
इस अनुमान के विपरीत समिति ने पाया कि इस वर्ष का आवंटन नौसेना के लिए व्यावहारिक और सहायक है क्योंकि मंत्रालय ने वास्तव में अनुमानित राशि के समान राशि आवंटित की है। हालांकि, यह अनुमान वर्ष 2022-23 में किए गए अनुमान से 14,818.21 करोड़ रुपये कम है। समिति ने कहा, 'इससे यह भी संकेत मिलता है कि नई योजना के लिए नौसेना की आवश्यकताएं कम हो गई हैं, जो इसके आधुनिकीकरण अभियान को प्रभावित कर सकती हैं।