Lok Sabha Election: पशुपति पारस का भाजपा से मोहभंग! चुनावी घोषणा से पहले पकड़ी अलग राह, बताया कहां से लड़ेंगे चुनाव?
लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले बिहार में राजग के घटक दल राष्ट्रीय लोकजनशक्ति मोर्चा ने बागी तेवर अपना लिया है। पार्टी के अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि भाजपा के साथ पांच वर्षों तक वफादारी के साथ रहा। किंतु अब उचित सम्मान नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि बिहार में राजग प्रत्याशियों की सूची जारी होने तक वह इंतजार करेंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले बिहार में राजग के घटक दल राष्ट्रीय लोकजनशक्ति मोर्चा ने बागी तेवर अपना लिया है। पार्टी बदलने का भी संकेत है। पार्टी के अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि भाजपा के साथ पांच वर्षों तक वफादारी के साथ रहा। किंतु अब उचित सम्मान नहीं मिल रहा।
सूची जारी होने तक का करेंगे इंतजार
उन्होंने कहा कि बिहार में राजग प्रत्याशियों की सूची जारी होने तक वह इंतजार करेंगे और सम्मान नहीं मिला तो विचार करेंगे। हालांकि, पारस अभी भी समझौते के मूड में नजर आ रहे थे, लेकिन साथ में अगर-मगर के साथ शर्तें भी थोप रहे हैं। अपनी पार्टी के दो अन्य सांसदों के साथ मात्र पांच मिनट की प्रेस कांफ्रेंस में पारस ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह का बहुत सम्मान करते हैं। उनकी पार्टी राजग का छोटा हिस्सा है। इसलिए भाजपा से आग्रह है कि मेरी दावेदारी पर विचार किया जाए।
इस सीट को नहीं छोड़ना चाहते पारस
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सूरजभान, नवादा सांसद चंदन सिंह एवं समस्तीपुर सांसद प्रिंस राज के साथ मीडिया के सामने आए पारस ने कहा कि वह किसी भी हाल में हाजीपुर से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। हमारे जितने भी सांसद हैं, सभी अपने-अपने क्षेत्र से तैयारी कर रहे हैं। दावेदारी वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है।हमारे साथ नहीं हुआ न्यायः पारस
पारस ने जोर देकर कहा कि हमारे साथ न्याय नहीं हुआ है। हमारी पार्टी दलितों की है। भाजपा अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे। ऐसा नहीं होगा तो हमारा विकल्प खुला है। हालांकि पारस ने यह नहीं बताया कि विकल्प के रूप में उनके सामने क्या-क्या है।
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राजद के साथ चल रही है बातचीत
माना जा रहा है कि वह राजद के संपर्क में हैं। पारस अपने भतीजे चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) को राजग में पांच सीट देने और अपनी उपेक्षा से नाराज हैं। रामविलास पासवान के निधन के बाद पारस ने पांच सांसदों के गुट को लोजपा से अलग कर लिया था। पुरानी पार्टी में सिर्फ चिराग ही बचे थे। बाद में पार्टी के भी दो धड़े हो गए। केंद्र में पारस को मंत्री बना दिया गया था। चिराग तभी से अपने चाचा से कटे चल रहे हैं।
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