Move to Jagran APP

लोगों ने मोदी को फिर पीएम बनाने का मन बनाया : शाह

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा- केवल मोदी ही मजबूत सरकार दे सकते हैं। शाह ने पूछा क्या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आतंकवाद पर मोदी की तरह करारा जवाब दे सकते हैं?

By Nitin AroraEdited By: Updated: Tue, 09 Apr 2019 08:01 PM (IST)
लोगों ने मोदी को फिर पीएम बनाने का मन बनाया : शाह
हैदराबाद, प्रेट्र/आइएएनएस। भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने केंद्र में अपनी पार्टी के नेतृत्व में राजग सरकार की वापसी की पैरवी करते हुए कहा कि केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही एक मजबूत सरकार दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों ने मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाने का मन बना लिया है।

शमशाबाद में मंगलवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि सोमवार को जारी हुआ भाजपा संकल्प पत्र कुछ और नहीं बल्कि देश को और महान बनाने का दस्तावेज है। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने देश का कद बढ़ाया है। साथ ही उसकी सबसे बड़ी उपलब्धि देश को सुरक्षित बनाना है। उन्होंने कहा कि यहां दो खेमे हैं। एक खेमा भाजपा के नेतृत्व वाले नरेंद्र मोदी और राजग सहयोगियों का है जबकि दूसरा खेमा राहुल बाबा और गठबंधन का है।

पुलवामा आतंकी हमले और जवाब में भारत की एयर स्ट्राइक का जिक्र करते हुए उन्होंने पूछा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी क्या मोदी की तरह करारा जवाब दे सकते हैं? उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जो सबसे बड़ा काम किया है कि राष्ट्र को सुरक्षित किया है। शाह ने यह भी पूछा कि 'क्या टुकड़े-टुकड़े गैंग' और 'राहुल बाबा एंड कंपनी' क्या देश को सक्षम नेतृत्व दे सकते हैं। क्या वह मजबूत सरकार दे सकते हैं। मोदी और केवल मोदी ही देश को मजबूत सरकार दे सकते हैं।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री व टीआरएस अध्यक्ष के.चंद्रशेखर राव और एआइएमआइएम प्रमुख असदद्दीन ओवैसी के गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए शाह ने पूछा कि क्या केसीआर (मुख्यमंत्री) क्या किसी भी सूरत में इस देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं? उन्होंने कहा कि भाजपा तेलंगाना विधानसभा में टीआरएस की वापसी के जनता जनमत का सम्मान करती है। लेकिन आने वाले चुनाव लोकसभा में मोदी और भाजपा को चुनें। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले पांच सालों में तेलंगाना को केंद्रीय कोष से 2.45 लाख करोड़ रुपये से अधिक धनराशि दी है। जबकि कांग्रेस शासन में यह राशि केवल 16,500 करोड़ रुपये ही थी।