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CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन नहीं होने की बड़ी वजह PFI पर प्रतिबंध, शरणार्थियों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करने की तैयारी

CAA Law सितंबर 2022 में केंद्र सरकार ने पीएफआइ पर प्रतिबंध लगाते हुए एक साथ 10 राज्यों में 100 से अधिक स्थानों पर छापा मारा था और पीएफआइ से जुड़े 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था। पूरी तैयारी के साथ पीएफआइ के खिलाफ कार्रवाई ने संगठन की कमर तोड़ दी और उसके सभी बैंक खाते भी सीज कर लिए गए थे।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Thu, 14 Mar 2024 11:45 PM (IST)
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CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन नहीं होने की बड़ी वजह PFI पर प्रतिबंध (File Photo)

नीलू रंजन, नई दिल्ली। सीएए के नियमों को लागू हुए तीन दिन हो चुके हैं। आवेदन के लिए पोर्टल भी लाइव हो चुका है और मोबाइल एप के सहारे आवेदन की सुविधा भी उपलब्ध करायी जा रही है। यही नहीं, आवेदन करने में शरणार्थियों को मदद करने लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी करने की तैयारी है। इसके बावजूद 2019 और 2020 की तरह इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन देश में कहीं भी देखने को नहीं मिल रहा है। सुरक्षा एजेंसियां इसकी एक प्रमुख वजह पीएफआइ पर लगाए गए प्रतिबंध को मान रही हैं। उनके अनुसार उस समय विरोध प्रदर्शनों और हिंसक घटनाओं में पीएफआइ की अहम भूमिका थी।

विरोध प्रदर्शनों के लिए पीएफआइ की फंडिंग

दिसंबर 2019 से लेकर फरवरी 2020 तक सीएए के खिलाफ देश के विभिन्न भागों में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के पीछे पीएफआइ की भूमिका कई एजेंसियों की जांच में सामने आई थी। उत्तर प्रदेश एटीएस, दिल्ली पुलिस और ईडी समेत कई एजेंसियों ने इसकी जांच भी की थी। ई़डी ने अपनी जांच में विस्तार से बताया था कि किस तरह से विरोध प्रदर्शनों के लिए पीएफआइ ने फंडिंग की थी। इस सिलसिले में ईडी ने पीएफआइ से जुड़े 27 बैंक खातों का पता लगाया था, जिनका इस्तेमाल हिंसक विरोध प्रदर्शनों के लिए किया गया था।

पीएफआइ की सक्रिय भूमिका

ध्यान देने की बात है कि शाहीन बाग, जो सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का प्रतीक बन गया था, में पीएफआइ की मजबूत पकड़ थी, वहीं उसका कार्यालय भी था। सीएए विरोध प्रदर्शनों के साथ ही दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा की वृहत्तर साजिश के पीछे पीएफआइ की सक्रिय भूमिका के आरोप हैं। इन विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए केंद्र सरकार ने सीएए को तत्काल लागू करने से परहेज करने का फैसला किया था।

100 से अधिक लोग गिरफ्तार

ध्यान देने की बात है कि सितंबर 2022 में केंद्र सरकार ने पीएफआइ पर प्रतिबंध लगाते हुए एक साथ 10 राज्यों में 100 से अधिक स्थानों पर छापा मारा था और पीएफआइ से जुड़े 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था। पूरी तैयारी के साथ पीएफआइ के खिलाफ कार्रवाई ने संगठन की कमर तोड़ दी और उसके सभी बैंक खाते भी सीज कर लिए गए थे।

हिंसक विरोध प्रदर्शन की कोई जगह नहीं

पीएफआइ की फंडिंग का पता लगाकर कार्रवाई करने में ईडी की अहम भूमिका रही। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पीएफआइ को प्रतिबंधित करने और उसके संगठन को ध्वस्त करने के बाद सीएए लागू करने का फैसला सही साबित हुआ। सीएए को लेकर फिलहाल राजनीतिक विरोध और समर्थन का सिलसिला जारी है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है और जिसमें हिंसक विरोध प्रदर्शन की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

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