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'नखरे-नाटकबाजी नहीं चाहती है जनता, जिम्मेदार बनें', पीएम मोदी की विपक्ष को नसीहत, कहा- ऐसी कालिख नहीं लगे...

संविधान और लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए प्रधानमंत्री ने 50 साल पहले लगाए गए आपातकाल को संविधान पर काला धब्बा बताया और कहा कि देश में ऐसी कालिख नहीं लगे इसके लिए कोशिश करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि सरकार चलाने के लिए बहुमत के बावजूद वे सभी की आपसी सहमति से देश चलाने की कोशिश करेंगे।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Tue, 25 Jun 2024 12:08 AM (IST)
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संसद सत्र के पहले दिन पीएम मोदी ने विपक्ष को जिम्मेदार बनने की नसीहत दी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष को जिम्मेदार बनने की नसीहत दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आम जनता सदन में ठोस काम चाहती है, सिर्फ नारा नहीं चाहती। उन्होंने अपने तीसरे कार्यकाल में तीन गुना अधिक मेहनत करने का भरोसा दिया। साथ ही उन्होंने साफ संकेत दिया कि नई लोकसभा अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।

संविधान और लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए प्रधानमंत्री ने 50 साल पहले लगाए गए आपातकाल को संविधान पर काला धब्बा बताया और कहा कि देश में ऐसी कालिख नहीं लगे इसके लिए कोशिश करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि सरकार चलाने के लिए बहुमत के बावजूद वे सभी की आपसी सहमति से देश चलाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने साफ किया कि संविधान की मर्यादाओं का पालन करते हुए हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं।

'अच्छे विपक्ष की जरूरत'

देश को एक अच्छे विपक्ष की जरूरत बताते हुए उन्होंने पिछली लोकसभा में विपक्ष के हंगामे को निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि जनता विपक्ष से लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने की अपेक्षा करता है। आम आदमी सदन में जनहित से जुड़े मुद्दों पर बहस चाहता है, नखरे, हंगामा और नाटकबाजी नहीं चाहता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विपक्ष आम आदमी के उम्मीदों पर खरा उतरेगा।

दिलाई आपातकाल की याद

प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान और लोकतंत्र को बचाने की दुहाई दे रहे कांग्रेस और विपक्ष को आपातकाल का आईना भी दिखाया। उन्होंने आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र पर काला धब्बा बताते हुए कहा कि इसके 50 साल पूरे हो रहे हैं और 25 जून कभी नहीं भूलने वाला दिन है। उन्होंने कहा कि भारत की नई पीढ़ी इस बात को कभी नहीं भूलेगी कि संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था और देश को जेलखाना बना दिया गया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने आजाद भारत में बनी अपनी संसद में पहली बार शपथ ग्रहण को गौरव का दिन बताया। अब तक यह पुराने संसद में होती थी। उन्होंने कहा कि 18वीं लोकसभा 2047 विकसित भारत का संकल्प और सपने को लेकर शुरु हो रहा है और सभी सांसदों से इसके लिए काम करने का आग्रह किया। आजादी के बाद दूसरी बार लगातार तीसरी बार सरकार बनाने को उन्होंने सरकार की नीयत और नीतियों पर जनता का मुहर बताया।

सरकार के स्थायित्व का दिया संकेत

18वीं लोकसभा में 18 के मूलांक नौ को पूर्णता की गारंटी बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल की स्थिरता का संकेत दिया। उन्होंने 18 के अंक को भारत की सांस्कृतिक विरासत के सात्विक मूल्यों से जोड़ते हुए कहा कि कर्म, कर्तव्य और करुणा का संदेश देने वाले गीता के 18 अध्याय हैं। इसी तरह से पुरानों और उपपुरानो की संख्या भी 18 है। उन्होंने कहा कि 18 का मूलांक नौ है, नौ पूर्णता की गारंटी देता है, पूर्णता का प्रतीक अंक है। उन्होंने इस लोकसभा को भारत के अमृतकाल के लिए शुभ संकेत बताया।