Move to Jagran APP

PM Modi in Rajya Sabha: पीएम मोदी ने कहा- देश को आंदोलनजीवी प्रजाति से बचने की जरूरत

PM Modi in Rajya Sabha प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर जवाब दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को भरोसा दिया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) है था और हमेशा रहेगा।

By Shashank PandeyEdited By: Updated: Tue, 09 Feb 2021 07:26 AM (IST)
Hero Image
राज्यसभा में बोलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (फोटो स्रोत: एएनआइ)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के पीछे हित साध रहे कुछ कथित आंदोलनकारियों और अपनी सियायत चमकाने में लगे राजनीतिक दलों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आड़े हाथों लिया है। निहित स्वार्थ के कारण आंदोलन में शामिल नेताओं को मोदी ने 'आंदोलनजीवी' करार देते हुए इनसे बचने की सलाह दी। साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयानों का उल्लेख करते हुए कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस पर यूटर्न का आरोप भी लगाया।सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान प्रधानमंत्री ने किसान आंदोलन के जरिये देश के अंदर और बाहर सरकार विरोधी हवा बनाने वाले लोगों की भूमिका को कठघरे में खड़ा किया।

साथ ही पीएम ने किसानों को आश्वासन दिया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) था, है और रहेगा। लिहाजा किसान भाइयों को आंदोलन खत्म कर उन सभी मुद्दों के साथ आना चाहिए, जिन्हें लेकर आशंका है। सरकार उन्हें दुरुस्त करेगी। प्रधानमंत्री की बातों का एक संकेत यह भी है कि कानूनों को लेकर सरकार कदम पीछे नहीं खींचेगी।अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने एक एक कर हर विरोधी पर चुटकी ली। इसी के साथ उन्होंने स्पष्ट भी किया कि विपक्ष केवल विरोध के लिए विरोध कर रहा है। सदन में सामने बैठे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन ¨सह के ही पुराने बयानों को पढ़कर सुनाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने किसानों के लिए एक बाजार उपलब्ध कराने की मंशा जताई थी। लेकिन हमने वही काम किया तो कांग्रेस यू टर्न ले रही है। यह तो आपके लिए गर्व का मौका था। आप कहते कि मोदी हमारे काम को आगे बढ़ा रहे हैं।'

प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि चौधरी चरण ¨सह ने 1971 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर कहा था, 'देश के 51 फीसद लघु व सीमांत किसानों की हालत बहुत खराब है'। अब ऐसे किसानों की संख्या 86 फीसद यानी 112 करोड़ पर पहुंच गई है। चुनाव आते ही कर्ज माफी होती है, लेकिन छोटे व सीमांत किसान वंचित रह जाते हैं, क्योंकि वे बैंक से लोन नहीं लेते। इन्हें हम नहीं छोड़ सकते हैं। देश को पीछे ले जाना संभव नहीं है। समय इंतजार नहीं करेगा। समस्या के बजाय समाधान का रास्ता खोजना होगा।

हरित क्रांति को लेकर भी फैलाई गई थीं भ्रांतियां

पीएम ने कहा कि हरित क्रांति के समय भी ऐसी ही आशंकाएं व भ्रांतियां फैलाई गई थीं। पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के समय कोई कृषि मंत्री बनने को तैयार नहीं था। वामपंथी दल उस समय भी इसी तरह विरोध कर रहे थे। कांग्रेस को अमेरिका का एजेंट कहा जा रहा था। लेकिन उसी हरित क्रांति का फल है कि पीएल-480 योजना के विलायती अनाज से पेट भरने वाला भारत खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर हो गया।

शादी-ब्याह में फूफी नाराज हो ही जाती हैं

कानूनों को लेकर विपक्ष के रवैये पर पीएम ने कहा कि इन दलों की भी जहां सरकारें हैं, कुछ न कुछ इन्हीं कानूनों को अपनाया गया है, क्योंकि उनको भी मालूम है कि रास्ता तो यही है। सदन में चर्चा के दौरान भी कानून की मंशा पर कोई सवाल नहीं उठाया गया। मोदी बोले, 'शिकायत है कि तरीका ठीक नहीं था, जल्दी कर दिया, इसको नहीं पूछा। ये तो रहता ही है। वो तो परिवार में शादी भी होती है, तो फूफी नाराज होकर कहती है कि मुझे कहां पूछा। इतना बड़ा परिवार है तो ये तो रहता ही है।'

'मोदी है तो मौका लीजिए'

संबोधन के अंत में विपक्ष के हमलों पर भी प्रधानमंत्री मोदी ने चुटकी ली। उन्होंने कहा, 'कोरोना के कारण ज्यादा आना-जाना होता नहीं होगा। घर में भी खींचतान चलती होगी। इतना गुस्सा यहां निकाल दिया तो आपका मन कितना हल्का हो गया। ये आनंद आपको जो मिला है, इसके लिए मैं काम आया, ये भी मैं अपना सौभाग्य मानता हूं। मैं चाहता हूं कि आप ये आनंद लेते रहिए। चर्चा करते रहिए। सदन को जीवंत बनाकर रखिए। मोदी है तो मौका लीजिए।'