तवांग झड़प के बाद पहली बार पूर्वोत्तर पहुंचे पीएम मोदी, कहा- विकास में बाधा बनी ताकतों को दिखाया 'रेड कार्ड'
तवांग झड़प के बाद पीएम मोदी पहली बार पूर्वोत्तर पहुंचे। इस दौरान शिलांग में उन्होंने कहा कि आठ साल में हिंसा और भ्रष्टाचार को रेड कार्ड दिखाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि फुटबाल की तर्ज पर विकास में बाधा बनीं ताकतों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 18 Dec 2022 09:18 PM (IST)
शिलांग (मेघालय), पीटीआइ। कतर में फीफा वर्ल्ड कप के फाइनल के दिन रविवार को पूर्वोत्तर के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन को फुटबाल से जोड़ते हुए कहा कि जब किसी खिलाड़ी का व्यवहार खेल की भावना के विरुद्ध होता है तो उसे रेड कार्ड दिखाया जाता है और मैदान से बाहर भेज दिया जाता है। इसी तरह पिछले आठ वर्ष में सरकार ने पूर्वोत्तर के विकास की राह में आईं भ्रष्टाचार, भेदभाव, हिंसा और वोट बैंक की राजनीति जैसी कई बाधाओं को रेड कार्ड दिखाया है। आज सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास पर सात लाख करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।
कई संगठनों ने अपनाई शांति की राह
पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) की स्वर्ण जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अतीत में पूर्वोत्तर को विभाजित करने के प्रयास किए गए थे, लेकिन अब हम इन विभाजनों को खत्म कर रहे हैं। पिछले आठ वर्षों में कई संगठनों ने हिंसा का मार्ग छोड़कर शांति की राह अपनाई है। राज्य सरकारों के साथ समन्वय से यह सुनिश्चित करने के लिए स्थिति में लगातार सुधार किया जा रहा है कि पूर्वोत्तर में अफस्पा (सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून) की कोई जरूरत न पड़े।
पिछले 8 वर्षों में हमने नॉर्थ ईस्ट के विकास से जुड़ी अनेक रुकावटों को Red Card दिखाया है। मेघालय के मेरे भाइयों-बहनों को कनेक्टिविटी, शिक्षा, कौशल और रोजगार की दर्जनों परियोजनाओं के लिए बहुत-बहुत बधाई। pic.twitter.com/UjJBbXNpeQ
— Narendra Modi (@narendramodi) December 18, 2022
मेघालय को 2450 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात
तवांग में चीन की सेना के साथ झड़प के बाद पहली बार पूर्वोत्तर पहुंचे प्रधानमंत्री ने मेघालय में 2,450 करोड़ रुपये लागत की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। शुरू की गई परियोजनाओं में न्यू शिलांग टाउनशिप में आइआइएम-शिलांग का विस्तृत परिसर और मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा व असम में 21 हिंदी पुस्तकालय शामिल हैं।यह भी पढ़ें: North East Council: शिलांग में बोले PM मोदी- अब डंके की चोट पर हो रहा बॉर्डर पर निर्माण
एनईसी के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में लिया हिस्सा
इससे पहले प्रधानमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों और गणमान्य लोगों की उपस्थिति में एनईसी के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में हिस्सा लिया। एक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने क्षेत्र के आठ राज्यों को 'अष्ठ लक्ष्मी' बताते हुए कहा कि सरकार को पूर्वोत्तर के विकास के लिए आठ स्तंभों पर कार्य करना चाहिए। ये आठ आधार स्तंभ हैं- शांति, ऊर्जा, पर्यटन, 5जी कनेक्टिविटी, संस्कृति, प्राकृतिक खेती, खेल और क्षमता।पूर्वोत्तर हमारा गेटवे है
पीएम मोदी ने कहा, 'दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए पूर्वोत्तर हमारा गेटवे है और पूरे क्षेत्र के विकास का केंद्र बन सकता है। इस क्षमता को अमलीजामा पहनाने के लिए भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग और अगरतला-अखौरा रेल प्रोजेक्ट जैसी परियोजनाओं का काम जारी है।' उन्होंने कहा कि कई शांति समझौते व अंतरराज्यीय सीमा समझौते हुए हैं और उग्रवाद की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। सरकार ने 'लुक ईस्ट' पालिसी को 'एक्ट ईस्ट' पालिसी में बदला और उसकी पालिसी 'एक्ट फास्ट फार नार्थ ईस्ट' और 'एक्ट फर्स्ट फार नार्थ ईस्ट' है।