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राज्यसभा में अपने पहले भाषण में ऐसा क्या बोलीं सुधा मूर्ति? PM मोदी भी हो गए मुरीद; तारीफ में कह दी यह बात

देश की जानी-मानी समाजसेवी और लेखिका सुधा मूर्ति ने राज्यसभा में अपना पहला भाषण दिया। इस पहले भाषण में सुधा का ध्यान केवल दो बातों पर केंद्रित रहा। पहला- सर्वाइकल कैंसर और दूसरा घरेलू पर्यटन। मूर्ति ने राज्यसभा में लगभग 12 मिनट 30 सेंकड तक भाषण दिया। मूर्ति के भाषण की खुद पीएम मोदी ने भी खूब तारीफ की हैं।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Updated: Wed, 03 Jul 2024 03:21 PM (IST)
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पीएम मोदी ने की सुधा मूर्ति की जमकर तारीफ (Image: X/@mygovindia)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा की नई सांसद सुधा मूर्ति ने राज्यसभा में अपने पहले भाषण में दो बातों पर जोर दिया था। पहला सर्वाइकल कैंसर और दूसरा घरेलू पर्यटन। अपने 12 मिनट और 30 सेंकड के इस भाषण में सुधा मूर्ति का पूरा जोर केवल इन्हीं दो बातों पर टिका हुआ था। अब इस भाषण के खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुरिद हो गए है। 

आज पीएम मोदी ने उनके पहले भाषण की खूब तारीफ की। दरअसल, मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान हुए सुधा मूर्ति ने महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में बात की थी।

पीएम मोदी ने गिनाए पिछले 10 वर्षों के कार्य 

लेखिका सुधा मूर्ति ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया तो पीएम मोदी ने कहा, 'मैं महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में विस्तार से बोलने के लिए सुधा मूर्ति को धन्यवाद देना चाहता हूं।' मूर्ति की भावनात्मक टिप्पणी का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले 10 वर्षों में महिलाओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता पर प्राथमिकता क्षेत्र के रूप में ध्यान केंद्रित किया है।'

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले सप्ताह संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए कहा, 'हमारे देश की महिलाओं को हमारे द्वारा बनाए गए शौचालयों से लाभ हुआ है।' उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने महिलाओं के लिए सैनिटरी पैड उपलब्ध कराए हैं और गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया है।

सुधा मूर्ति का राज्यसभा में पहला भाषण

सुधा मूर्ति ने गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से निपटने के लिए सरकार द्वारा प्रायोजित टीकाकरण कार्यक्रम पर जोर दिया था। राज्यसभा में अपने पहले भाषण में उन्होंने कहा, 'नौ से 14 वर्ष की आयु की लड़कियों को एक टीकाकरण दिया जाता है, जिसे गर्भाशय ग्रीवा का टीकाकरण कहा जाता है। अगर लड़कियां इसे लेती हैं, तो इससे (कैंसर से) बचा जा सकता है। हमें अपनी लड़कियों के लाभ के लिए टीकाकरण को बढ़ावा देना चाहिए क्योंकि रोकथाम इलाज से बेहतर है।'

मूर्ति ने आगे कहा कि सरकार ने कोविड के दौरान एक बहुत बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया है, इसलिए 9-14 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियों को गर्भाशय ग्रीवा का टीकाकरण प्रदान करना बहुत मुश्किल नहीं होगा।

700-800 रुपये तक करें टीका

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उच्च सदन के लिए नामित की गई मूर्ति ने कहा कि गर्भाशय ग्रीवा का टीकाकरण पश्चिम में विकसित किया गया है और पिछले 20 वर्षों से इसका उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा,  'अगर सरकार हस्तक्षेप करे और बातचीत करे...तो आप इसे 700-800 रुपये तक ला सकते हैं। हमारी आबादी बहुत बड़ी है। यह भविष्य में हमारी लड़कियों के लिए फायदेमंद होगा।'

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