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अफगान संकट समेत अन्‍य मुद्दों पर पीएम मोदी ने की जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल से बातचीत

अफगान संकट समेत कई अन्‍य मुद्दों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल से बातचीत की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान जारी कर कहा कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय एजेंडा के मुद्दों पर भी चर्चा की।

By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Mon, 23 Aug 2021 09:09 PM (IST)
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पीएम नरेंद्र मोदी ने जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल से बातचीत की
नई दिल्ली, एजेंसियां। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति और क्षेत्र तथा दुनिया पर इसके प्रभाव को लेकर चर्चा की। दोनों नेताओं ने शांति और सुरक्षा बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने माना कि सबसे जरूरी प्राथमिकता अफगानिस्तान में फंसे हुए लोगों को स्वदेश वापस लाना है। उन्होंने द्विपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा की, जिसमें कोरोना टीकों में सहयोग, जलवायु और ऊर्जा पर ध्यान देने के साथ विकास सहयोग, व्यापार एवं आíथक संबंधों को बढ़ावा देना शामिल है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, आज शाम चांसलर मर्केल से बातचीत की और द्विपक्षीय, बहुपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों के साथ ही अफगानिस्तान में हाल की घटनाओं पर चर्चा की। हमने भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया है, दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति और क्षेत्र तथा विश्व पर इसके प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने शांति और सुरक्षा बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।

बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने आगामी काप-26 बैठक और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में समुद्री सुरक्षा पर बातचीत को बढ़ावा देने की भारतीय पहल जैसे बहुपक्षीय हितों के मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समावेशी सहयोग को बढ़ावा देने पर दोनों पक्षों के बीच दृष्टिकोण की समानता पर जोर दिया।

निकासी समय सीमा पर पश्चिम और तालिबान में तनातनी

अमेरिका समेत नाटो देशों के सैनिक और काफी संख्‍या में विदेशी नागरिक अभी अफगानिस्‍तान में हैं। उनको निकालने को लेकर कोशिशें जारी है। इस अभियान का नेतृत्व अमेरिका कर रहा है। इस अभियान के लिए उसने 31 अगस्त तक की समय सीमा तय कर रखी है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उनका देश अफगानिस्तान से निकासी अभियान की समय सीमा बढ़ाने पर विचार कर रहा है, जबकि तालिबान ने कहा कि पश्चिमी देशों के सुरक्षा बलों को 31 अगस्त तक अफगानिस्तान छोड़ना होगा। समय सीमा बढ़ाई नहीं जाएगी।

समाचार एजेंसी एफबीआइ के अनुसार जर्मनी के मंत्री ने कहा कि काबुल हवाईअड्डे को 31 अगस्त के बाद लोगों को निकालने के लिए खुला रखने के लिए जर्मनी तालिबान से बातचीत कर रहा है।