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लालकिला से भी मिल सकता है 2024 का संदेश, PM मोदी फिर परिवारवाद व भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर कर सकते हैं प्रहार

मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी लाल किला से अपना 10वां संबोधन देंगे। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले का यह आखिरी संबोधन है। जिस तरह देश में राजनीति गरमाई है कि और पक्ष विपक्ष के बीच हर मुद्दे पर तीखी बहस छिड़ी है उस स्थिति में माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री उन मुद्दों पर भी बोलेंगे जो राजनीतिक मुद्दा हो सकता है लेकिन जो देश की प्रगति से जुड़ा है।

By Jagran NewsEdited By: Amit SinghUpdated: Sun, 13 Aug 2023 06:24 PM (IST)
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भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी: मोदी

आशुतोष झा, नई दिल्ली: मंगलवार को लाल किला की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल का आखिरी संबोधन देंगे। यह तो तय है कि वह आजादी के अमृतकाल से विकसित भारत की ओर बढ़े कदम पर विशेष चर्चा करेंगे।

लेकिन नजरें इस पर होंगी कि देश के नाम इस संबोधन में 2024 की क्या झलक होगी। माना जा रहा है कि महिलाओं और युवाओं पर केंद्रित भाषण में वह फिर से परिवारवाद और भ्रष्टाचार के कारण उनके अवसरों में आने वाले अवरोधों की बात कर सकते हैं। यही सरकारी मुद्दा भी है और राजनीतिक भी।

चुनाव से पहले आखिरी संबोधन

मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी लाल किला से अपना 10वां संबोधन देंगे। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले का यह आखिरी संबोधन है। जिस तरह देश में राजनीति गरमाई है कि और पक्ष विपक्ष के बीच हर मुद्दे पर तीखी बहस छिड़ी है, उस स्थिति में माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री उन मुद्दों पर भी बोलेंगे जो राजनीतिक मुद्दा हो सकता है लेकिन जो देश की प्रगति से जुड़ा है।

परिवारवाद के खिलाफ लड़ाई जारी

प्रधानमंत्री ने पिछले भाषण में स्पष्ट किया था कि

भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी और बड़े बड़े भी बच नहीं पाएंगे।

बाद के महीनों में राजनीति के कई बड़े धुरंधरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हुई। यह सार्वजनिक है कि विपक्षी दलों में एकजुटता की बड़ी वजह ईडी, सीबीआई थी। सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया गया। सरकार के अंदर भी कुछ लोग भयभीत हुए कि यह कार्रवाई कहीं राजनीतिक इच्छा के आड़े न आ जाए। लेकिन कार्रवाई की गति कम नहीं हुई। शायद प्रधानमंत्री जनता तक यह संदेश नहीं जाने देना चाहते थे कि उन्होंने जो कुछ कहा है उसमें कोई शिथिलता है।

देश की अर्थव्यवस्था तो लगेंगे पंख

गौरतलब है कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले 2018 के संबोधन में भी प्रधानमंत्री ने भाई भतीजावाद और भ्रष्टाचार मिटाने की बात कही थी। सच्चाई तो यह है कि 2014 के चुनाव से ही ये दो मुद्दे भाजपा के केंद्र में हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि मंगलवार को फिर से प्रधानमंत्री यह बताने की कोशिश करेंगे वस्तुत: यही दो अड़चन हैं जो आम लोगों के विकास में बाधक है और इसे जड़ से खत्म करना है तो फिर से पीएम मोदी का साथ देना होगा। वह राजनीतिक स्थिरता के फायदे भी गिना सकते हैं और लालकिला से यह भरोसा भी दिला सकते हैं कि वह देश को सबसे आगे खडे़ तीन देशों में शामिल कराएंगे।

मोदी कार्यकाल के नौ साल

मोदी कार्यकाल को नौ साल से ज्यादा हो चुके हैं और उपलब्धियों के रूप में गिनाने को बहुत कुछ है। लिहाजा सरकार का रिपोर्ट कार्ड रखने के साथ साथ उस पंचप्रण की फिर से याद दिला सकते हैं जिसमें गुलामी की मानसिकता से मुक्ति, एकता और एकजुटता के साथ साथ नागरिकों के कर्तव्यों की बात है।

दो दिन पहले ही सरकार ने अंग्रेजों के जमाने में बने आपराधिक दंड संहिता से मुक्ति की राह तैयार की है। कानून को दंड आधारित करने की बजाय न्याय आधारित बनाने के लिए विधेयक लाई है। राजद्रोह कानून को खत्म करने के साथ साथ मॉब लिंचिंग को कानून के दायरे में लाने की संकल्प दिखाया है।

देश की न्याय प्रक्रिया में बड़ा परिवर्तन

माना जा रहा है कि नया विधेयक न्याय प्रक्रिया में तो परिवर्तन लाएगा ही, उन वर्गों में भी विश्वास भरेगा जो राजनीतिक रूप से भाजपा के विरोधी माने जाते हैं। संभव है कि प्रधानमंत्री ऐसे कदमों का भी लाल किला से उल्लेख करें। उत्तर पूर्व को लेकर विपक्ष अभी भी सरकार पर हमलावर है। ऐसे में मंगलवार को प्रधानमंत्री फिर से भरोसा दिला सकते हैं कि उत्तर पूर्व में बहुत जल्द शांति का सूरज उगेगा।