Man Ki Baat: पीएम मोदी आज 2022 की आखिरी 'मन की बात' को करेंगे संबोधित
पीएम साल 2022 के आखिरी मन की बात को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री के मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात का 96वां संस्करण आज सुबह 11 बजे प्रसारित होगा। पीएम ने लोगों से NaMo ऐप और MyGov ऐप पर लिखने या 1800-11-7800 पर अपने संदेश रिकॉर्ड करने का आग्रह किया था।
By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Sun, 25 Dec 2022 08:04 AM (IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को साल 2022 के आखिरी मन की बात को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री के मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात का 96वां संस्करण आज सुबह 11 बजे प्रसारित होगा।
पीएम मोदी ने 13 दिसंबर को लोगों को 25 दिसंबर को होने वाली मन की बात के आगामी एपिसोड के लिए अपने इनपुट साझा करने के लिए आमंत्रित किया था। इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों से NaMo ऐप और MyGov ऐप पर लिखने या 1800-11-7800 पर अपने संदेश रिकॉर्ड करने का आग्रह किया था।
साल 2022 की आखिरी मन की बात होगी आज
MyGov के निमंत्रण को साझा करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘2022 की आखिरी मन की बात इस महीने की 25 तारीख को होगी। मैं कार्यक्रम के लिए आपका इनपुट प्राप्त करने के लिए उत्सुक हूं। मेरा आपसे आग्रह है कि नमो ऐप, MyGov पर लिखें या 1800-11-7800 पर अपना संदेश रिकॉर्ड करें।’भारत पुरानी परंपराओं का है घर
इससे पहले 30 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' के 95वें संस्करण के दौरान कहा था कि हमारा देश दुनिया की सबसे पुरानी परंपराओं का घर है। इसलिए हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम अपनी परंपराओं और पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित करें, इसे बढ़ावा दें और इसे ज्यादा से ज्यादा आगे ले जाएं।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे भारतीय संगीत न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी लोगों के बीच निकटता ला रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संगीत न केवल शरीर को बल्कि मन को भी आनंद देता है, संगीत हमारे समाज को भी जोड़ता है। प्रधानमंत्री ने नागा समुदाय और उनके द्वारा अपनी गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों का भी उदाहरण दिया। मन की बात के दौरान, प्रधानमंत्री ने ग्रीस के गायक 'कॉन्स्टेंटिनोस कलित्ज़िस' के बारे में बात की, जिन्होंने गांधीजी की 150 वीं जयंती समारोह के दौरान बापू का पसंदीदा गीत गाया है।
उन्होंने कहा, गायक का भारत से इतना लगाव है, कि पिछले 42 (बयालीस) सालों में वह लगभग हर साल भारत आया है। उन्होंने भारतीय संगीत की उत्पत्ति, विभिन्न भारतीय संगीत प्रणालियों, विभिन्न प्रकार के रागों, तालों और रसों के साथ-साथ विभिन्न घरानों का अध्ययन किया है।उन्होंने भारतीय संगीत में कई महान हस्तियों के योगदान का अध्ययन किया है; उन्होंने भारत के शास्त्रीय नृत्यों के विभिन्न पहलुओं को भी बारीकी से समझा है। अब उन्होंने भारत से जुड़े इन तमाम अनुभवों को बड़ी खूबसूरती से एक किताब में पिरोया है। उनकी भारतीय संगीत नामक पुस्तक में लगभग 760 चित्र हैं। अन्य देशों में भारतीय संस्कृति के प्रति ऐसा उत्साह और आकर्षण वास्तव में हृदयस्पर्शी है।