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PM Kisan की क‍िस्‍त जारी करने के बाद पीएम मोदी का बड़ा ऐलान, 'एक राष्ट्र-एक उर्वरक’ योजना की शुरुआत

PM Kisan पीएम मोदी ने कहा यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए भारत तेजी से तरल नैनो यूरिया की तरफ बढ़ रहा है। जिनको एक बोरी यूरिया की जरूरत है वो काम अब नैनो यूरिया की एक छोटी बोतल से हो जाता है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Mon, 17 Oct 2022 03:19 PM (IST)
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किसान सम्मेलन में पीएम मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त जारी की (फोटो एएनआई)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। PM Kisan Update: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को PM किसान सम्मान निधि योजना की 12वीं किस्त जारी की। इसके तहत 8 करोड़ से ज्यादा किसानों के खातों में 16,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। इस योजना के तहत किसानों के खाते में एक साल में 2-2 हजार रुपए की तीन किश्त जारी की जाती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में पीएम किसान सम्मान सम्मेलन 2022 का उद्घाटन भी किया। इसमें एग्रीकल्चर स्टार्टअप कॉन्क्लेव और प्रदर्शनी लगाई गई है। लगभग 300 स्टार्टअप्स ने प्रिसिशन फार्मिंग से संबंधित अपने इनोवेशन का प्रदर्शन किया है।

इस मौके पर पीएम  मोदी ने नैनो यूरिया को कम खर्च में अधिक उत्पादन का माध्यम बताया। उन्‍होंने कहा क‍ि यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए भारत तेजी से तरल नैनो यूरिया की ओर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan) योजना के अंतर्गत 16 हजार करोड़ रुपये की 12वीं किस्त जारी करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही।

2 लाख करोड़ से ज्‍यादा खातों में ट्रांसफर क‍िए

पीएम मोदी ने क‍िसान सम्मान निधि को आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग से छोटे किसानों को होने वाले फायदे का एक उदाहरण बताया। उन्‍होंने कहा कि इस योजना के शुरू होने के बाद 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए हैं। उन्होंने इस मौके पर किसानों से खेती में नई व्यवस्थाओं का निर्माण करने और वैज्ञानिक पद्धतियों तथा प्रौद्योगिकी को खुले मन से अपनाने की भी अपील की।

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कम खर्च में अधिक पैदावार का माध्यम

पी कहा, 'यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए भारत तेजी से तरल नैनो यूरिया की तरफ बढ़ रहा है। नैनो यूरिया, कम खर्च में अधिक पैदावार का माध्यम है। जिनको एक बोरी यूरिया की जरूरत है, वो काम अब नैनो यूरिया की एक छोटी सी बोतल से हो जाता है। ये विज्ञान और टेक्नोलॉजी का कमाल है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत का सबसे अधिक खर्च जिन चीजों को आयात करने में होता है, उनमें खाद्य तेल, उर्वरक और कच्चा तेल शामिल हैं और इनको खरीदने के लिए हर वर्ष लाखों करोड़ रुपये दूसरे देशों को देना पड़ता है.

खेती में नई व्यवस्थाओं का निर्माण करना होगा

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग पर उन्होंने कहा कि विदेश में अगर कोई समस्या आती है, तो इसका बुरा असर हमारे यहां भी पड़ता है। प्रधानमंत्री ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें खेती में नई व्यवस्थाओं का निर्माण करना होगा और ज्यादा वैज्ञानिक पद्धतियों व प्रौद्योगिकी को खुले मन से अपनाना ही होगा। उन्होंने कहा कि इसी सोच के साथ हमने कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक पद्धतियों को बढ़ाने और प्रौद्योगिकी के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर बल दिया है।

 ‘एक राष्ट्र-एक उर्वरक’ नामक महत्वपूर्ण योजना

इस अवसर पर मोदी ने 'एग्री स्टार्टअप कॉन्क्लेव' का भी उद्घाटन किया। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत 600 पीएम-किसान समृद्धि केंद्रों (पीएम-केएसके) का भी उद्घाटन किया और ‘भारत’ यूरिया ब्रांड नाम से किसानों के लिए ‘एक राष्ट्र-एक उर्वरक’ नामक महत्वपूर्ण योजना भी शुरू की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह योजना किसानों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण खाद मुहैया कराएगी। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र-एक उर्वरक से किसान को हर तरह के भ्रम से मुक्ति मिलने वाली है और बेहतर खाद भी उपलब्ध होने वाली है। देश में अब एक ही नाम और एक ही ब्रांड से और एक समान गुणवत्ता वाले यूरिया की बिक्री होगी और ये ब्रांड है भारत।