Arun Jaitley Memorial Lecture में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा- बिना समावेश के रियल ग्रोथ संभव नहीं
PM Narendra Modi प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री और सामाजिक नीतियों के समन्वय मंत्री थरमन शनमुगरत्नम द्वारा दिए जाने वाले पहले अरुण जेटली स्मृति व्याख्यान में जहां पर उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए अरुण जेटली और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को याद किया।
By Ashisha RajputEdited By: Updated: Fri, 08 Jul 2022 08:04 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार शाम नई दिल्ली में 'अरुण जेटली मेमोरियल लेक्चर' (एजेएमएल) में भाग लेने पहुंचे। कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी जनसभा को भी संबोधित करते हुए पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को याद किया। बता दें कि यह कार्यक्रम दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया गया है, जिसका आयोजन वित्त मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
पीएम मोदी ने अरुण जेटली को किया याद-
- आज का ये आयोजन मेरे एक घनिष्ठ मित्र अरुण जेटली जी को समर्पित है।
- बीते दिनों को याद करते हैं तो उनकी बहुत सारी बातें, उनसे जुड़ीं बहुत सी यादें स्वाभाविक रूप से याद आती हैं।
- पीएम ने - उनकी oratory के तो हम सभी कायल थे। उनका व्यक्तित्व विविधता से भरा था, उनका स्वभाव सर्वमित्र था।
Joined the first 'Arun Jaitley Memorial Lecture' in New Delhi. https://t.co/pqng2bIbxF
— Narendra Modi (@narendramodi) July 8, 2022
पीएम मोदी ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री आबे के निधन पर दुख व्यक्त किया-
- पीएम ने कहा- आज का दिन मेरे लिए अपूर्णीय क्षति और असहनीय पीड़ा का दिन है। मेरे घनिष्ठ मित्र और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री श्री शिंजो आबे अब हमारे बीच नहीं रहे। आबे जी मेरे तो साथी थे ही, वो भारत के भी उतने ही विश्वसनीय दोस्त थे।
- पीएम ने कहा आबे जी के कार्यकाल में भारत जापान के राजनीतिक संबंधों को नई ऊंचाई तो मिली ही, हमने दोनों देशों की सांझी विरासत से जुड़े रिश्तों को खूब आगे बढ़ाया।
पीएम मोदी ने की रियल ग्रोथ की बात-
- पीएम मोदी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- हेड आफ गवर्नमेंट (Head of government) के तौर पर 20 वर्ष के मेरे अनुभवों का सार यही है कि- बिना समावेश (inclusion) के रियल ग्रोथ संभव ही नहीं है और, बिना ग्रोथ के समावेश का लक्ष्य भी पूरा नहीं किया जा सकता।
- पीएम ने जनसभा से प्रश्न पूछते हुए कहा- क्या बिना समावेश के सही ग्रोथ संभव है? क्या बिना ग्रोथ के समावेश के बारे में सोचा जा सकता है?
पीएम मोदी ने कहा-
- 2014 से पहले हमारे देश का औसत था कि 10 साल में करीब 50 मेडिकल कालेज बना करते थे, जबकि भारत में पिछले 7-8 साल में ही पहले के मुकाबले 4 गुना से ज्यादा 209 नए मेडिकल कालेज बनाए जा चुके हैं।
- बीते 7-8 साल में भारत में अंडर ग्रेजुएट मेडिकल सीट्स में 75 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। भारत में अब Annual टोटल मेडिकल सीट्स की संख्या बढ़कर लगभग दोगुनी हो चुकी है।
- आज का भारत रिफार्म्स बाई compulsion के बजाय रिफार्म्स बाई conviction से आने वाले 25 साल का रोडमैप तैयार कर रहा है। पहले भारत में बड़े रिफार्म्स तभी हुए जब पहले की सरकारों के पास कोई और रास्ता नहीं बचता था। हम रिफार्म्स को necessary evil नहीं बल्कि win-win choice मानते हैं, जिसमें राष्ट्रहित है और जनहित है।
- आज भारत पूरी दुनिया में सबसे विश्वसनीय और अत्याधुनिक स्पेस सर्विस प्रोवाइडर्स (Space Service Providers) में से एक है। इस क्षेत्र में भी हमारा प्राइवेट सेक्टर इकोसिस्टम (Private Sector Ecosystem) बहुत ही बेहतरीन काम कर रहा है। लेकिन उनके पीछे भी पार्टनर इन प्रोग्रेस (Partner in Progress) के रूप में सरकार की पूरी शक्ति है।
- पीएम ने कहा- COVID वैक्सीन का ही उदाहरण लें। हमारे देश के Private Players ने बहुत ही अच्छा काम किया है। लेकिन उनके पीछे Partner in Progress के रूप में सरकार की पूरी ताकत खड़ी थी।
कार्यक्रम में शामिल हैं ये लोग-
इस कार्यक्रम में प्रख्यात अर्थशास्त्री जो प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे उनमें जान हापकिंस विश्वविद्याल की सुश्री ऐनी क्रूगर, लंदन स्कूल आफ इकोनामिक्स से निकोलस स्टर्न, हार्वर्ड कैनेडी स्कूल के राबर्ट लारेंस, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पूर्व कार्यकारी प्रबंध निदेशक जान लिप्स्की सहित विश्व बैंक के देश निदेशक शामिल हैं।