'मिनी कॉन्स्टिट्यूशन...सात साल का कार्यकाल', मोदी ने पूछा- संविधान के किस प्रविधान के तहत PM के ऊपर बैठाया NAC
PM Modi ने 75 साल पुराने संविधान पर चर्चा और 50 साल पुराने आपातकाल को भूलने को लेकर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया। लोकसभा का कार्यकाल पांच साल का होता है लेकिन आपातकाल के दौरान इसे सात साल तक चलाया गया। यही नहीं इस दौरान 38वें 39वें और 42 संशोधन कर संविधान की आत्मा को छिन्न-भिन्न कर दिया गया। इन तीनों संशोधनों को मिनी कॉन्स्टिट्यूशन कहा जाता था।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। चुनाव प्रचार से लेकर संसद तक संविधान बचाने की कांग्रेस की दावे को ध्वस्त करते हुए प्रधानमंत्री ने उसे संविधान की सबसे विरोधी करार दिया है। प्रधानमंत्री ने साफ किया कि संविधान बचाने के नाम पर पहली बार चुनाव का कांग्रेस का दावा गुमराह करने वाला है और असल में 1977 का चुनाव इस मुद्दे पर लड़ा गया था, जिसमें कांग्रेस की करारी हार का सामना करना पड़ा।
संविधान पर बुलडोजर किसने चलाया?
उन्होंने कहा कि यदि इस बार का चुनाव संविधान की रक्षा के नाम पर भी था, तो जनता ने इसके लिए हमें ही योग्य समझा है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में चर्चा के जवाब के दौरान विपक्षी नेताओं के वाकआउट पर तंज करते हुए उन्होंने कहा कि उनमें सत्य का मुकाबला करने का हौसला भी नहीं बचा है।
आपातकाल के दौरान हुए दमन को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने विस्तार से बताया कि इस दौरान किस तरह से संविधान पर बुलडोजर चला दिया गया था। लोकसभा का कार्यकाल पांच साल का होता है, लेकिन आपातकाल के दौरान इसे सात साल तक चलाया गया। यही नहीं, इस दौरान 38वें, 39वें और 42 संशोधन कर संविधान की आत्मा को छिन्न-भिन्न कर दिया गया। इन तीनों संशोधनों को मिनी कांस्टीट्यूशन कहा जाता था।
तुर्कमान गेट, मुजफ्फरनगर में अल्पसंख्यकों के साथ क्या हुआ था?
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को संविधान की रक्षा की बात शोभा नहीं देती है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने आपातकाल के दौरान प्रताडि़त होने के बावजूद कांग्रेस के साथ खड़े विपक्षी दलों के नेताओं को भी आड़े हाथों लिया।
आपातकाल के दौरान तुर्कमान गेट और मुजफ्फरनगर में अल्पसंख्यकों पर हुए अत्याचार की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं को इस बोलने की हिम्मत नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी तानाशाही को सही कहने वाले लोग आज संविधान की प्रति लेकर अपने काले कारनामे को छुपाने की शर्मनाक कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे लिए संविधान अनुच्छेदों का संकलन मात्र नहीं है, बल्कि इसकी आत्मा और शब्द भी मूल्यवान हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि आपातकाल के बाद मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान भी कांग्रेस संविधान की धज्जियां उड़ाती रही। उन्होंने कहा कि संविधान में प्रधानमंत्री का पद सरकार का सर्वोच्च पद है। लेकिन संविधान में प्रविधान नहीं होने के बावजूद प्रधानमंत्री के ऊपर सोनिया गांधी के नेतृत्व में नेशनल एडवाइजरी कौंसिल (एनएसी) को बिठा गया गया।