एनआरसी में नहीं छूटेगा कोई असली नागरिक : पीएम
मोदी ने नागरिकता विधेयक को संसद की जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद भी जताई।
By Tilak RajEdited By: Updated: Fri, 04 Jan 2019 01:43 PM (IST)
सिलचर (असम), प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के लोगों को भरोसा दिलाया कि एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) से कोई भी असली नागरिक नहीं छूटेगा। उन्होंने नागरिकता विधेयक को संसद की जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद भी जताई।
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को कालीनगर में 'विजय संकल्प समावेश रैली' को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं एनआरसी के दौरान कई लोगों को हुई दिक्कतों और मुश्किलों के बारे में जानता हूं लेकिन मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि किसी भी वास्तविक भारतीय नागरिक के साथ अन्याय नहीं होगा।' उन्होंने पूर्वोत्तर में भाजपा की लोकसभा चुनाव प्रचार मुहिम की शुरुआत करते हुए कहा, 'सरकार नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर काम कर रही है। यह लोगों की जिंदगी और भावनाओं से जुड़ा है। यह किसी के फायदे के लिए नहीं है बल्कि अतीत में हुए कई गलत कायरें एवं अन्याय का प्रायश्चित है।' उन्होंने 35 साल से 'लटके' असम समझौते की धारा छह को लागू करने के सरकार के निर्णय पर कहा, 'अब असम की सामाजिक, सांस्कृतिक एवं भाषायी पहचान की रक्षा का रास्ता साफ है।'
सौ दिन में 20 राज्यों में रैली
प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार मुहिम के पहले चरण के तहत इंफाल से सिलचर के कछार जिले पहुंचे। वह आचार संहिता लागू होने से पहले 100 दिन में 20 राज्यों में रैलियां करेंगे। भाजपा और उसके सहयोगियों ने क्षेत्र के आठ राज्यों में 25 संसदीय सीटों में से 21 में जीत का लक्ष्य रखा है। असम में पार्टी को 14 में से कम से कम 11 सीटों पर जीत की उम्मीद है। भाजपा को 2014 लोकसभा चुनाव में असम में 14 में से सात संसदीय सीटों पर जीत मिली थी। 2016 में विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने 61 सीटों पर जीत हासिल की थी।
प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार मुहिम के पहले चरण के तहत इंफाल से सिलचर के कछार जिले पहुंचे। वह आचार संहिता लागू होने से पहले 100 दिन में 20 राज्यों में रैलियां करेंगे। भाजपा और उसके सहयोगियों ने क्षेत्र के आठ राज्यों में 25 संसदीय सीटों में से 21 में जीत का लक्ष्य रखा है। असम में पार्टी को 14 में से कम से कम 11 सीटों पर जीत की उम्मीद है। भाजपा को 2014 लोकसभा चुनाव में असम में 14 में से सात संसदीय सीटों पर जीत मिली थी। 2016 में विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने 61 सीटों पर जीत हासिल की थी।
आठ परियोजनाओं का उद्घाटन
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर के एक घंटे के दौरे में आठ परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसमें 125 करोड़ रुपये की लागत से मोरेह के डोलाइथाबी बैराज पर बना एक इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट शामिल है। प्रधानमंत्री ने चुराचंदपुर जोन के लिए जलाशय का भी निर्माण कराया जिससे संविर्द्धत जलापूर्ति हो सके। कैंगपोकपी जिले के थंगापट के लिए इको-टूरिज्म परिसर का उद्घाटन किया। खाद्यान्न भंडारण के लिए गोदाम का भी उद्घाटन किया। उन्होंने चार अन्य परियोजनाओं की भी आधारशिला रखी। इनकी अनुमानित लागत करीब 1500 करोड़ रुपये होगी। इसमें इंफाल के धनमंजरी विश्वविद्यालय में आधारभूत ढांचे, हॉकी स्टेडियम के लिए फल्ड लाइट और एक मुख्य स्टेडियम बनाना शामिल है।
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर के एक घंटे के दौरे में आठ परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसमें 125 करोड़ रुपये की लागत से मोरेह के डोलाइथाबी बैराज पर बना एक इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट शामिल है। प्रधानमंत्री ने चुराचंदपुर जोन के लिए जलाशय का भी निर्माण कराया जिससे संविर्द्धत जलापूर्ति हो सके। कैंगपोकपी जिले के थंगापट के लिए इको-टूरिज्म परिसर का उद्घाटन किया। खाद्यान्न भंडारण के लिए गोदाम का भी उद्घाटन किया। उन्होंने चार अन्य परियोजनाओं की भी आधारशिला रखी। इनकी अनुमानित लागत करीब 1500 करोड़ रुपये होगी। इसमें इंफाल के धनमंजरी विश्वविद्यालय में आधारभूत ढांचे, हॉकी स्टेडियम के लिए फल्ड लाइट और एक मुख्य स्टेडियम बनाना शामिल है।
लंबित योजनाएं युद्धस्तर पर पूरी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछली सरकार की कार्य संस्कृति के कारण देश को बहुत नुकसान हुआ है। सौ करोड़ रुपये की परियोजना लेटलतीफी के चलते 200-250 करोड़ रुपये में पूरी होती थी। लेकिन 2014 में सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने 12 लाख करोड़ की परियोजनाओं को युद्धस्तर पर पूरा किया। मोदी ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रगति नाम की एक प्रणाली विकसित की है। इसके जरिए लंबित परियोजनाओं पर केंद्र और राज्य के अफसरों के बीच बातचीत कराके तय समयसीमा में इन कार्यो को पूरा किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछली सरकार की कार्य संस्कृति के कारण देश को बहुत नुकसान हुआ है। सौ करोड़ रुपये की परियोजना लेटलतीफी के चलते 200-250 करोड़ रुपये में पूरी होती थी। लेकिन 2014 में सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने 12 लाख करोड़ की परियोजनाओं को युद्धस्तर पर पूरा किया। मोदी ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रगति नाम की एक प्रणाली विकसित की है। इसके जरिए लंबित परियोजनाओं पर केंद्र और राज्य के अफसरों के बीच बातचीत कराके तय समयसीमा में इन कार्यो को पूरा किया गया।