Mangarh Dham: राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र बनाए योजना, खुली है राष्ट्रीय तीर्थ बनाने की राह
Rajasthan Mangarh Dham पीएम नरेन्द्र मोदी राजस्थान के बांसवाड़ा में स्थित मानगढ़ धाम में मौजूद रहे। पीएम ने स्वतंत्रता सेनानी श्री गोविंद गुरु को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के अंतिम समय तक लोगों को भरोसा था कि मानगढ़ को राष्ट्रीय तीर्थ का दर्जा मिलेगा (फोटो- एएनआई)
By Manish NegiEdited By: Updated: Tue, 01 Nov 2022 05:18 PM (IST)
उदयपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान सहित चार राज्यों के आदिवासियों के तीर्थ मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय तीर्थ का दर्जा नहीं मिलने से मेवाड़ और वागड़ के आदिवासियों को निराशा हाथ लगी है। आदिवासी नेताओं का कहना है कि भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेता भी मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय तीर्थ का दर्जा नहीं दिला पाए। हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा से पहले यह माना जा रहा था कि पीएम मानगढ़ की जनसभा के मंच से इसकी घोषणा करेंगे।
वागड़ और मेवाड़ के आदिवासियों में निराशा प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के अंतिम समय तक उन्हें भरोसा था कि मानगढ़ को राष्ट्रीय तीर्थ का दर्जा मिलेगा लेकिन भाषण की समाप्ति के बाद जनसभा में शामिल लोगों में खलबली मच गई। उदयपुर से गए आदिवासी नेता भीमाजी, वागड़ के नेता हीरजी सहित ज्यादातर लोगों का कहना है कि मानगढ़ धाम को जिस सम्मान से नवाजे जाने की जरूरत है, वह अभी भी बाकी है। हालांकि भाजपा नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने मंच से यह कहा कि राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सरकार मिलकर मानगढ़ धाम को लेकर योजना बनाएं तो केंद्र सरकार अवश्य मदद करेगी। उन्होंने कहा कि मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय तीर्थ घोषित किए जाने की राह अभी भी खुली है।
कांग्रेस ने भाजपा पर बोला हमलाइधर, कांग्रेस से जुड़े आदिवासी नेता रघुवीर सिंह मीणा का कहना है कि मंच से मुख्यमंत्री गहलोत ने ही नहीं, बल्कि भाजपा नेताओं ने भी मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय तीर्थ घोषित किए जाने की मांग की लेकिन प्रधानमंत्री ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया। उनका कहना है कि भाजपा का लक्ष्य आदिवासी मतदाता बहुल 99 विधानसभा सीटों पर प्रभाव बढ़ाने को लेकर रहा है। मानगढ़ में 1500 से अधिक आदिवासी शहीद हुए, इस तथ्य से सभी आदिवासी परिचित हैं लेकिन शहीदों को जिस सम्मान की जरूरत थी, उसे प्रधानमंत्री ने पूरा नहीं किया। वागड़ से आदिवासी नेता तथा कांग्रेस सरकार में मंत्री के साथ मानगढ़ धाम ट्रस्ट से जुड़े महेंद्रजीत सिंह मालवीया का कहना है कि यदि मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय तीर्थ घोषित किया जाता तो यह आजादी के आंदोलन में शहीद आदिवासियों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होती। खुद केंद्र सरकार के प्रतिनिधि इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि प्रधानमंत्री मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय तीर्थ घोषित करेंगे। उन्हें भी निराशा हाथ लगी है। अब उन्हें जनता में जबाव देना है।
आदिवासी परिवार संघ का बढ़ता प्रभावमेवाड़-वागड़ क्षेत्र में आदिवासी परिवार संघ का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंगलवार को मानगढ़ में जनसभा से एक दिन पहले सोमवार को आदिवासियों के प्रयागराज के नाम से मशहूर तीर्थ बेणेश्वर में आदिवासी परिवार संघ ने बैठक रखी थी। इसमें हजारों आदिवासियों ने भाग लिया था। आदिवासी संघ ने आगामी विधानसभा चुनाव में इस बार मैदान उतरने की घोषणा से भाजपा और कांग्रेस में पहले से खलबली मची है। गत विधानसभा में आदिवासी परिवार ने बीटीपी प्रत्याशियों को समर्थन दिया था और डूंगरपुर जिले की दो विधानसभाओं में उसे जीत हांसिल हुई। इस बार आदिवासी परिवार संघ ने मेवाड़ वागड़ की 17 विधानसभा सीटों में से दस पर जीत हांसिल करने का लक्ष्य रखा है।
Rajasthan: क्या है मानगढ़ धाम का इतिहासमोरबी दुर्घटना समीक्षा बैठक के बाद आज पीएम का दौरा, गुजरात में कल रहेगा राजकीय शोक डिस्क्लेमर: इस खबर को नए इनपुट के साथ संपादित करने के बाद अपडेट किया गया है। पूर्व में प्रकाशित खबर में समाचार एजेंसी पीटीआई (PTI - Press Trust Of India) द्वारा गलत तथ्य जारी किया गया था, जिसे विवेचना के बाद गलत पाया गया। पाठकों को हुई असुविधा के लिए हम खेद जताते हैं और सही सूचना देने की प्रतिबद्धता के तहत इस गलती को सुधारते हुए पूरी खबर को अपडेट कर दिया गया है।
ब्रिटिश शासनकाल के जघन्य नरसंहार का गवाह
मानगढ़ ब्रिटिश शासनकाल के जघन्य नरसंहार का गवाह है। 17 नवंबर 1913 को अंग्रेजों ने अचानक निहत्थे आदिवासियों पर फायरिंग कर दी थी। उस वक्त, हजारों आदिवासी मानगढ़ पहाड़ी पर गुरु गोविंद की सभा में जुटे थे। तभी ब्रिटिश सैनिकों ने चारों ओर से घेरकर अचानक फायरिंग शुरू कर दी। बताया जाता है कि इस नरसंहार में करीब 1500 आदिवासियों की हत्या कर दी गई थी। ये भी पढ़ें:Rajasthan: क्या है मानगढ़ धाम का इतिहासमोरबी दुर्घटना समीक्षा बैठक के बाद आज पीएम का दौरा, गुजरात में कल रहेगा राजकीय शोक डिस्क्लेमर: इस खबर को नए इनपुट के साथ संपादित करने के बाद अपडेट किया गया है। पूर्व में प्रकाशित खबर में समाचार एजेंसी पीटीआई (PTI - Press Trust Of India) द्वारा गलत तथ्य जारी किया गया था, जिसे विवेचना के बाद गलत पाया गया। पाठकों को हुई असुविधा के लिए हम खेद जताते हैं और सही सूचना देने की प्रतिबद्धता के तहत इस गलती को सुधारते हुए पूरी खबर को अपडेट कर दिया गया है।