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एग्जिल पोल से शेयर बाजार में हुई उथल-पुथल पर राजनीति गरम, सेबी की उदासीनता पर टीएमसी आक्रामक

एग्जिट पोल के दौरान छोटे निवेशकों के 30 लाख करोड़ रुपए डूब जाने का दावा करते हुए टीएमसी ने इस मुद्दे को संसद से लेकर अदालत तक ले जाने की भी घोषणा की है। शेयर बाजार में हुई उठा-पटक की जांच की शिकायत सेबी को देने के बाद टीएमसी नेता सागरिका घोष और पार्टी प्रवक्ता साकेत गोखले ने आरोप लगाया कि सेबी ने उन्हें मिलने की वक्त नहीं दिया।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Thu, 20 Jun 2024 06:00 AM (IST)
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एग्जिल पोल से शेयर बाजार में हुई उथल-पुथल पर राजनीति गरम

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के एक्जिट पोल के चलते शेयर बाजार की बड़ी उछाल और गिरावट को स्टॉक मार्केट का सबसे बड़ा घोटाला होने का दावा करते हुए इसकी जांच करने में सेबी की उदासीनता पर उसे आड़े हाथों लिया है।

सेबी को अपने वैधानिक दायित्व का निर्वाह करने के लिए आगाह करते हुए पार्टी ने कहा कि भाजपा के पास अब बहुमत नहीं है और सभी वैधानिक संस्थाओं की पहली जवाबदेही संसद के प्रति है न कि मोदी सरकार के प्रति। छोटे निवेशकों के 30 लाख करोड़ रुपए डूब जाने का दावा करते हुए टीएमसी ने इस मुद्दे को संसद से लेकर अदालत तक ले जाने की भी घोषणा की है।

वहीं आस्ट्रेलिया के उप उच्चायुक्त को पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्रियों से मिलने से रोकने के विदेश मंत्रालय के रूख को संघीय ढांचे के खिलाफ करार देते हुए आरोप लगाया है कि मोदी सरकार विदेशी निवेशकों को केवल गुजरात में परियोजनाएं लगाने का ही दबाव डाल रही है।

सेबी अधिकारियों की जांच करने को लेकर उदासीनता नजर आई

शेयर बाजार में हुई उठा-पटक की जांच की शिकायत सेबी को देने के बाद राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस की उपनेता सागरिका घोष और पार्टी प्रवक्ता साकेत गोखले ने यहां प्रेस कांफ्रेंस करते हुए आरोप लगाया कि पत्र लिखने और फोन पर आग्रह के बाद भी सेबी ने मिलने की वक्त नहीं दिया। तब कल्याण बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल सांसदों के दल ने मंगलवार को मुंबई जाकर शिवसेना यूबीटी और एनसीपी शरद पवार के नेताओं संग सेबी दफ्तर जाकर अपनी शिकायतें दी। मगर सेबी अधिकारियों की जांच करने को लेकर उदासीनता नजर आयी।

गोखले ने दावा किया कि एग्जिट पोल एजेंसियों विशेषकर एक एजेंसी का सत्ताधारी भाजपा से सीधे जुड़ाव है और इसने विदेशी संस्थागत निवेशकों के लिए भी चुनाव में काम किया है। जो साफ करता है कि शेयर बाजार में छोटे निवेशकों के डूबे 30 लाख करोड़ रूपए का मामला इनसाइडर ट्रेडिंग है और यह गंभीर आर्थिक अपराध है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के कुछ लोगों के साथ कई विदेशी संस्थागत निवेशकों ने इस इनसाइडर ट्रेडिंग का फायदा उठाकर हजारों-हजार करोड़ रुपए का लाभ कमाया है और 31 मई से 3 जून के बीच विदेशी निवेशकों के 25 साल में सबसे ज्यादा शेयरों की खरीद और ब्रिकी इसका प्रमाण है।

सागरिका घोष ने उठाए सवाल

सागरिका घोष ने चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और वित्तमंत्री के शेयर बाजार में निवेश की सलाह देने के पीछे की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा सेबी इन बयानों के संदर्भ को भी अपने जांच के दायरे में शामिल करे। इन बयानों से छोटे निवेशकों के 30 लाख करोड़ रुपए डूब जाने का कोई भी जुड़ाव है तो तीनों को इस्तीफा देना चाहिए।

आस्ट्रेलियाई उप उच्चायुक्त के बंगाल के तीन मंत्रियों से नहीं मिलने देने का विदेश मंत्रालय पर आरोप लगाते हुए इसे शर्मनाक करार दिया और कहा कि जी-20 के दौरान राज्यों को आयोजन के लिए बोला गया मगर जब राज्य अपने यहां निवेश के लिए विदेशी राजनयिकों से मिलना चाहते हैं तो उन्हें रोका जा रहा है।

सेबी ने जांच नहीं की तो तृणमूल कांग्रेस अदालत जाएगी

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तीन बार इस सिलसिले में विदेश यात्रा की केंद्र सरकार ने अनुमति नहीं दी। तृणमूल नेता ने दावा किया कि कई विदेशी राजनयिक अनौपचारिक रूप से बता चुके हैं कि उन्हें गुजरात में ही प्रोजेक्ट लगाने पर तत्काल हरी झंडी दिए जाने को कहा जाता है बाकी राज्यों के साथ केंद्र का यह व्यवहार हैरतअंगेज है और पार्टी इन मुद्दों को संसद में उठाएगी। वहीं सेबी ने जांच नहीं की तो तृणमूल कांग्रेस अदालत जाएगी।