कांग्रेस का तंज, चुनाव बाद ईपीएफ ब्याज दर में कटौती भाजपा का जनता को रिटर्न गिफ्ट
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर कहा कि इन विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मोदी सरकार प्रतिशोध के साथ मेहनतकश लोगों पर और हमला किया है। नौकरी छूटने महंगाई आदि के साथ बढ़ती कठिनाइयों के बीच हुए इस हमले का पूरी ताकत से विरोध करें।
By Neel RajputEdited By: Updated: Sun, 13 Mar 2022 07:40 AM (IST)
नई दिल्ली, प्रेट्र। ईपीएफ ब्याज दरों में कटौती के लिए सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में जीत के बाद जनता को भाजपा की तरफ से यह रिटर्न गिफ्ट है। वहीं, माकपा ने इसे मेहनतकश लोगों पर हमला करार दिया है।
कांग्रेस के महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 84 प्रतिशत लोगों की आय कम हो गई है। क्या चुनावी जीत के आधार पर करोड़ों कर्मचारियों की बचत पर हमला सही है?
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर कहा कि इन विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मोदी सरकार प्रतिशोध के साथ मेहनतकश लोगों पर और हमला किया है। नौकरी छूटने, महंगाई आदि के साथ बढ़ती कठिनाइयों के बीच हुए इस हमले का पूरी ताकत से विरोध करें।
वहीं, भाकपा सांसद बिनय विश्वम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर उनसे ईपीएफ पर ब्याज दर कम करने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
ईपीएफ पर मिलने वाले ब्याज में कटौती
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने भविष्य निधि जमा पर मिलने वाले ब्याज में कटौती का फैसला किया है। चालू वित्त वर्ष 2021-22 में भविष्य निधि जमा पर 8.10 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया जाएगा। वित्त वर्ष 2020-21 में यह ब्याज दर 8.5 प्रतिशत थी। सरकार के इस फैसले से लगभग छह करो़ड़ सक्रिय कर्मचारियों पर असर होगा। श्रम मंत्रालय के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के लिए तय ब्याज दर की अधिसूचना जल्द ही जारी कर दी जाएगी। उसके बाद कर्मचारियों के खाते में चालू वित्त वर्ष के पीएफ के ब्याज का भुगतान हो जाएगा। बताया जा रहा है कि 1977-78 के बाद से यह सबसे कम ब्याज दर है। 77-78 में ईपीएफ पर आठ प्रतिशत ब्याज दिया गया था। वित्त वर्ष 2018-19 में पीएफ पर 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया गया था।शनिवार को गुवाहाटी में श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में ईपीएफ के सेंट्रल ट्रस्टी बोर्ड की बैठक हुई।