ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर मोदी सरकार पर खरगे का आरोप, कहा- PR हथकंडो ने कार्य प्रणाली को बना दिया खोखला
बालेश्वर में तीन ट्रेन दुर्घटनाओं में अबतक 275 लोगों की मौत हो गई जबकि 1100 से ज्यादा घायल हो गए। रेल मंत्रालय के मुताबिक मरम्मत का काम युद्धस्तर पर चल रहा है और अधिकारी दुर्घटनास्थल पर बहाली प्रक्रिया की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। ओडिशा के बालेश्वर में हुए ट्रेन हादसे को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर सुझावों को लागू नहीं करने और ट्रैक नवीनीकरण के लिए आवंटन में कमी करने का आरोप लगाया।
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा,
आजाद भारत के शायद सबसे दर्दनाक रेल हादसे पर मोदी सरकार से सवाल, विज्ञापनी पीआर हथकंडो ने मोदी सरकार के काम करने की प्रणाली को खोखला बना दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार पर दागे कौन-कौन से सवाल?
- रेलवे में 3 लाख पद खाली हैं, बड़े अधिकारियों के पद भी खाली हैं, जो प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) भर्ती करता है, उनको 9 सालों में क्यों नहीं भरा गया ?
- रेलवे बोर्ड ने हाल ही में खुद माना है कि मानव संसाधन की भारी कमी के कारण लोको पायलटों के लंबे समय तक काम करने के घंटे, दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या का मुख्य कारण हैं। फिर पद क्यों नहीं भरे गये ?
- दक्षिण पश्चिम रेलवे जोन के प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक ने 8 फरवरी, 2023 को मैसूर में एक त्रासदी जिसमें दो ट्रेनें भिड़ने से बच गई थी, उसका हवाला देते हुए सिग्नलिंग व्यवस्था को दुरुस्त करने का आग्रह किया था और चेतावनी दी थी। उस पर रेल मंत्रालय ने अमल क्यों नहीं किया ?
- संसदीय स्थायी समिति ने अपनी 323वीं रिपोर्ट में रेलवे सुरक्षा आयोग (CRS) की सिफारिशों के प्रति रेलवे बोर्ड द्वारा दिखाई गई उपेक्षा के लिए रेलवे की आलोचना की थी। कहा था कि सीआरएस केवल 8 से 10 फीसदी हादसों की जांच करता है, सीआरएस को मजबूती क्यों नहीं प्रदान की गई?
- कैग की ताजा ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, 2017-18 और 2020-21 के बीच 10 में से लगभग 7 रेल दुर्घटनाएं डिरेल की वजह से हुई। 2017-21 में ईस्ट कोस्ट रेलवे में सुरक्षा के लिए रेल और वेल्ड (Track Maintenance) का शून्य परीक्षण हुआ। उसको दरकिनार क्यों कर दिया गया ?
- कैग के अनुसार, राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष (RRSK) में 79 फीसदी फंडिंग काम क्यों की गई, जबकि हर साल 20 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध करवाने थे। ट्रैक नवीनीकरण कार्य की राशि में भारी गिरावट क्यों आई ?
- भारत के अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) द्वारा 2011 में विकसित ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली का नाम मोदी सरकार ने बदलकर 'कवच' कर दिया और मार्च 2022 में रेलवे मंत्री जी ने खुद इसका प्रदर्शन भी किया। फिर भी अब तक केवल 4 फीसदी रूटों पर कवच क्यों ?
खरगे ने मोदी सरकार पर तमाम सवाल दागते हुए ऊपर से नीचे तक के पदों की जवाबदेही तय करने की मांग की।
आज़ाद भारत के शायद सबसे दर्दनाक रेल हादसे पर मोदी सरकार से सवाल-
विज्ञापनी PR हथकंडो ने मोदी सरकार के काम करने की प्रणाली को ख़ोखला बना दिया है।
1. रेलवे में 3 लाख़ पद खाली हैं, बड़े अधिकारियों के पद भी खाली हैं, जो PMO भर्ती करता है, उनको 9 सालों में क्यों नहीं भरा गया ?— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 4, 2023
उन्होंने कहा,
मोदी जी, आप आये दिन सफेद की गई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने में व्यस्त रहते हैं पर रेल सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं देते। ऊपर से नीचे तक के पदों की जवाबदेही तय करनी होगी जिससे कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को होने से रोका जा सके। तभी इस हादसे के पीड़ितों को न्याय मिलेगा।
युद्धस्तर पर चल रहा मरम्मत का काम
इस बीच, बालेश्वर में तीन ट्रेन दुर्घटनाओं में अबतक 275 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1100 से ज्यादा घायल हो गए। रेल मंत्रालय के मुताबिक, मरम्मत का काम युद्धस्तर पर चल रहा है और अधिकारी दुर्घटनास्थल पर बहाली प्रक्रिया की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।