'स्वर्णिम काल मानी जाएगी...', प्रधानमंत्री मोदी ने 17वीं लोकसभा को बताया ऐतिहासिक; ओम बिरला को लेकर कह दी ये बात
पीएम मोदी ने संसद में लोक सभा अध्यक्ष के चुनाव के बाद ओम बिरला को बधाई दी। अपने बधाई संबोधन में पीएम मोदी 17वीं लोकसभा को याद करते दिखे। पीएम ने 17वीं लोकसभा को इतिहास का स्वर्णिम काल बताया। पीएम इस मौके पर ओम बिरला की तारीफ करते हुए यह भी बताया कि बिरला के मार्गदर्शन में 17वीं लोकसभा की उत्पादकता 25 वर्षों में सबसे अधिक 97 प्रतिशत रही है।
एएनआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ओम बिरला को 18वीं लोकसभा का अध्यक्ष चुने जाने पर शुभकामनाएं दीं और कहा कि अमृत काल में दूसरी बार इस पद पर बैठना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि ओम बिरला की अध्यक्षता में 17वीं लोकसभा में लिए गए निर्णय संसदीय इतिहास का स्वर्णिम काल माने जाएंगे।
पीएम मोदी ने 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष बनने पर उन्हें बधाई दी। पीएम मोदी ने कहा, "आदरणीय अध्यक्ष जी, यह सदन का सौभाग्य है कि आप दूसरी बार इस कुर्सी पर विराजमान हैं। मैं आपको और पूरे सदन को बधाई देता हूं। मैं सदन की ओर से आपको बधाई देना चाहता हूं। अमृत काल में दूसरी बार इस पद पर विराजमान होना आपके लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। हमें उम्मीद है कि आपके अनुभव से आप अगले 5 वर्षों तक हमारा मार्गदर्शन करेंगे। 'आपके चेहरे पर ये मीठी-मीठी मुस्कान पूरे सदन को प्रसन्न रखती है'।"
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi says "Respected Speaker, it is the good fortune of the House that you are occupying this Chair for the second time. I congratulate you and the entire House" pic.twitter.com/vKm5b8zv4I
— ANI (@ANI) June 26, 2024
'दूसरी बार अध्यक्ष बनना अपने आप में एक रिकॉर्ड'
पीएम मोदी ने आगे कहा, "दूसरी बार अध्यक्ष बनना अपने आप में एक रिकॉर्ड है। बलराम जाखड़ को पांच साल तक प्रतिस्पर्धा करने के बाद दूसरी बार अध्यक्ष के रूप में सेवा करने का अवसर मिला और आज आप वही कर रहे हैं। एक सांसद के रूप में आप जिस तरह से काम करते हैं, वह सीखने लायक है। आपकी शैली हमारे युवा सांसदों को प्रेरित करेगी।"17वीं लोकसभा ने भारत के भविष्य को दी नई दिशा
प्रधानमंत्री ने 17वीं लोकसभा को लेकर कहा कि 17वीं लोकसभा ने भारत के भविष्य को दिशा देने में अहम भूमिका निभाई है। पीएम मोदी ने कहा, "आपकी अध्यक्षता में संसद में लिए गए ऐतिहासिक फैसले संसद की और आपकी भी विरासत हैं। भविष्य में जब 17वीं लोकसभा के बारे में विश्लेषण होगा तो लिखा जाएगा कि आपकी अध्यक्षता में 17वीं लोकसभा ने भारत के भविष्य को नई दिशा देने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।"