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तीसरी लहर से मुकाबले में वैक्सीनेशन पर प्रधानमंत्री का जोर, कहा- वायरस के बदलते रूपों पर रखनी होगी नजर

केरल व महाराष्ट्र में जहां सक्रिय मामलों में कमी नहीं आ रही वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में कोविड-19 के बढ़ते मामले चिंता का कारण बन गए हैं इसके मद्देनजर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की।

By Monika MinalEdited By: Updated: Tue, 13 Jul 2021 02:48 PM (IST)
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आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की बैठक
नई दिल्ली, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की और कोरोना वायरस के बदलते रूपों और उससे होने वाले खतरों को लेकर सचेत किया। इसके अलावा महामारी की संभावित तीसरी लहर से मुकाबले के लिए वैक्सीनेशन  प्रक्रिया में तेजी लाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन’ अभियान से देश के पूर्वोत्तर राज्यों को मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमें कोरोना वायरस के वैरिएंट्स पर नजर रखनी होगी। म्यूटेशन के बाद ये कितना जोखिम भरा हो सकता है इस बारे में विशेषज्ञों की राय और उनके अध्ययनों पर ध्यान देना होगा। ऐसे में एहतियात और उपचार आवश्यक है। कोरोना के कारण पर्यटन, व्यापार-कारोबार बहुत प्रभावित हुआ है। इसके बावजूद मैं बहुत जोर देकर कहूंगा कि हिल स्टेशनों, बाजारों में बिना मास्क पहने भारी भीड़ का उमड़ना चिंताजनक है। यह ठीक नहीं है।' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हमें और सख्त कदम उठाने होंगे। इससे जिम्मेदारी तय हो सकती है। माइक्रो कंटेनमेंट क्षेत्र पर हमें पूरा फोकस करना होगा। पिछले डेढ़ साल के दौरान जो अनुभव हमें मिले हैं उसका भी पूरा इस्तेमाल करना होगा।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर पूर्वोत्तर के आठ राज्यों असम, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर की और वहां के हालात का जायजा लिया। बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमें टेस्टिंग और ट्रीटमेंट से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करते हुए आगे चलना है। हाल ही में इसके लिए कैबिनेट ने 23,000 करोड़ रुपये का एक नए पैकेज को मंजूरी दी है। पूर्वोत्तर राज्यों में इस पैकेज से अपने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करने में मदद मिलेगी।'

इससे पहले पिछले बुधवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने पूर्वोत्तर राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ कोरोना के ताजा हालात की समीक्षा बैठक की थी। कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय टीम ने भी इन राज्यों का दौरा किया था। बता दें कि देश में कोरोना के 80 फीसद मामले 90 जिलों में हैं जिनमें से 14 पूर्वोत्तर राज्यों के जिले हैं। देश में 73 जिलों में पाजिटिविटी रेट 10 फीसद से अधिक है। इनमें से 46 जिले पूर्वोत्तर राज्यों से हैं।  शोधकर्ताओं व वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके पीछे R फैक्टर है। इस फैक्टर से पता चलता है कि कोरोना से संक्रमित एक व्यक्ति द्वारा दूसरे कितने व्यक्तियों को संक्रमित करने की संभावना है।

पिछले दिनों कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देश में हाहाकार की स्थिति बना दी थी जिसमें अब राहत के संकेत मिलने लगे हैं।  हालांकि इन राज्यों में जमीनी स्तर पर केंद्र सरकार की टीम काम कर रही है स्वास्थ्य मंत्रालय की डॉ भारती परवीन पवार (Dr Bharati Pravin Pawar) ने कहा, 'केंद्र सरकार की टीम जमीनी स्तर पर काम कर रही है। हम लगातार हालात पर नजर रख रहे हैं, नियमित तौर पर राज्य सरकारों से फीडबैक ले रहे हैं। अभी कोविड-19 खत्म नहीं हुआ है।'

संक्रमण से बचाव के लिए देश भर में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान जारी है। आज सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 39.46 करोड़ से अधिक खुराकें राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को मुहैया कराई गई। इसमें से 1.91 करोड़ अभी भी इस्तेमाल के लिए बचे हुए हैं। अब तक इस्तेमाल व बर्बाद हुए वैक्सीन की खुराकों का कुल आंकड़ा 37,55,38,390 है।