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'आप देश की सबसे अयोग्य वित्त मंत्री', निर्मला सीतारमण पर कांग्रेस का हमला; कहा- भारतीय अर्थव्यवस्था को हुआ...

कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें कर्नाटक के साथ हो रहे 14वें और 15वें वित्तीय अन्याय के बारे में बात करनी चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है। कांग्रेस ने कहा कि निर्मला सीतारमण को कर्नाटक के प्रति अपने योगदान के बारे में एक श्वेत पत्र तैयार करना चाहिए जहां का वह प्रतिनिधित्व कर रही है।

By Agency Edited By: Shalini Kumari Updated: Sun, 11 Feb 2024 12:58 PM (IST)
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प्रियांक खरगे ने निर्मला सीतारमण पर किया पलटवार

एएनआई, कलबुर्गी। लोकसभा में श्वेत पत्र पर बहस का जवाब देते हुए कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को 'सुपर पीएम' कहने पर कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर पलटवार किया है।

कांग्रेस नेता ने निर्मला सीतारमण पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी निगरानी में अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ गई, वह "भारत की सबसे अक्षम" वित्त मंत्री हैं।

'10 सालों में कुछ हासिल नहीं हुआ'

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए खरगे ने कहा, "इस सरकार को बने हुए 10 साल हो गए हैं और वे अभी भी खबरों में बने रहने के लिए पंडित नेहरू, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे पर निर्भर हैं। इसका मतलब है कि उन्होंने पिछले 10 सालों में कुछ भी हासिल नहीं किया है।"

कांग्रेस ने कहा कि निर्मला सीतारमण, जो कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करने वाली राज्यसभा सांसद हैं, उनको राज्य के प्रति अपने योगदान के बारे में एक 'श्वेत पत्र' तैयार करना चाहिए था।

'वह सबसे अक्षम वित्त मंत्री'

कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा, "उन्हें कर्नाटक के साथ हो रहे 14वें और 15वें वित्तीय अन्याय के बारे में बात करनी चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है।"

कांग्रेस नेता ने कहा, "उनकी निगरानी में, भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ गई है। वह शायद भारत की अब तक की सबसे अक्षम वित्त मंत्री हैं।"

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इस सप्ताह हुई थी श्वेत पत्र पर चर्चा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा था, "घोटाला संचालित सरकार और अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन का केंद्र बिंदु नेतृत्व का मुद्दा है। सोनिया गांधी सलाहकार परिषद की अध्यक्ष के रूप में 'सुपर' प्रधानमंत्री थीं और एक संविधानेतर और गैर-जिम्मेदार व्यक्ति थीं।" भाजपा सरकार द्वारा लोकसभा में पेश श्वेत पत्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के 10 साल के आर्थिक प्रबंधन की तुलना मोदी सरकार के कार्यकाल से की गई है, जिसे गुरुवार को संसद में पेश किया गया। 

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