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'ऐसा लगा जैसे वायनाड में मेरी मां...', प्रियंका गांधी ने सुनाया किस्सा; कहा- बड़ी लड़ाई की तैयारी है

कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर वायनाड से उपचुनाव लड़ रही प्रियंका गांधी ने वायनाड से अपना भावुक रिश्ता बताते हुए कहा कि यहां पहुंचने पर उन्हें लगा जैसे पहले से यहां उनकी मां हैं। चुनाव प्रचार के लिए वायनाड पहुंची प्रियंका ने नुक्कड़ यहां के लोगों की जमकर प्रशंसा की और त्रासदी के समय को याद करते हुए लोगों का दुख साझा किया।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Mon, 28 Oct 2024 04:45 PM (IST)
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कांग्रेस ने प्रियंका को वायनाड लोकसभा सीट से उपचुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया है। (File Image)
एएनआई, वायनाड। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सोमवार को चुनाव प्रचार के लिए वायनाड पहुंचीं, जहां उन्होंने एक नुक्कड़ सभा को संबोधित किया। गौरतलब है कि कांग्रेस ने उन्हें वायनाड लोकसभा सीट से उपचुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया है।

लोगों को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने अपने नामांकन दाखिल करने के दौरान की एक घटना को याद किया और बताया कि कैसे उन्हें लगा कि यहां पहले से उनकी कोई मां है। उन्होंने कहा, 'कुछ दिन पहले, जब मैं यूडीएफ उम्मीदवार के लिए अपना नामांकन दाखिल करने आई थी तो मैंने अपनी कार रोकी और एक व्यक्ति से बात की जिसने मुझे बताया कि उसकी मां मुझसे मिलना चाहती थी लेकिन उसकी तबीयत ठीक नहीं थी।'

(वायनाड में प्रियंका गांधी। Photo- X/@priyankagandhi)

सुनाया नामांकन के समय का किस्सा

प्रियंका ने आगे कहा, 'मैं उस व्यक्ति के घर गई और उसकी मां से मिली। उन्होंने मुझे ऐसे गले लगाया, जैसे मैं उनकी बच्ची हूं और मुझे अपनी मां की तरह गले लगाया। इस तरह मैं वायनाड पहुंची ही थी और मुझे ऐसा महसूस हुआ कि जैसे यहां पहले से ही मेरी कोई मां है।' इसके अलावा भूस्खलन से आई त्रासदी का जिक्र करते हुए प्रियंका ने कहा कि वायनाड की उनकी यात्रा ने उन्हें यह एहसास कराया कि कैसे एक समुदाय लोगों की मदद के लिए एक साथ आ सकता है।

उन्होंने कहा, 'जब मैं भूस्खलन के बाद अपने भाई के साथ यहां आई तो मैंने समझा कि कैसे एक समुदाय लोगों की मदद के लिए एक साथ आ सकता है। मैंने आप सभी को एक-दूसरे की मदद करते देखा। यहां तक कि अपने परिवार को खोने वाले छोटे बच्चों में भी गरिमा थी। आप साहसी हैं और आप सभी धर्मों की शिक्षाओं का सम्मान करते हैं। वायनाड का प्रतिनिधित्व करने का अवसर पाकर मैं कैसे गौरवान्वित महसूस नहीं कर सकती।'

'संविधान और लोकतंत्र की लड़ाई'

उन्होंने कहा कि राज्य में आदिवासी समुदाय की जरूरतों से लेकर फसलों के एमएसपी, पर्यटन उद्योग और बेरोजगारी तक कई मुद्दे हैं। उन्होंने कहा, 'यहां के लोगों के साथ इन बातचीत से मैं आपके सामने आने वाले मुद्दों को समझने जा रही हूं। मैं समझती हूं कि मेरी जिम्मेदारी क्या है। मैं जानती हूं कि आप मेरे भाई के प्रति प्यार के कारण यहां हैं और मुझे भी दुख हुआ जब उन्हें आप सभी को छोड़कर जाना पड़ा। आज, हम अपने संविधान, लोकतंत्र और समानता के मूल्यों के लिए एक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं।' प्रियंका ने कहा कि लोकतंत्र और सच्चाई के लिए खड़े होने का यह सही समय है।

उन्होंने कहा, 'अगर लोकतंत्र के लिए सही और सच्चाई के लिए खड़े होने का समय है तो वह समय अभी है। मेरी उम्मीदें किसी लाख वोट की नहीं हैं, बल्कि अपने दिल में झांकने की हैं।' बताते चलें कि वायनाड में 13 नवंबर को मतदान होगा। साथ ही 15 राज्यों की 47 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए भी मतदान होगा। झारखंड में विधानसभा चुनाव का पहला चरण भी 13 नवंबर को होगा।