राहुल गांधी को क्यों छोड़नी पड़ी वायनाड सीट? प्रियंका के चुनाव लड़ने की क्या है रणनीति, जानिए पूरा समीकरण
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने फैसला किया है कि राहुल वायनाड सीट से इस्तीफा देंगे और उपचुनाव के जरिए प्रियंका गांधी वाड्रा संसदीय राजनीति में चुनावी पारी की शुरूआत करेंगी। राहुल ने कहा कि रायबरेली से पुराना नाता है मगर वायनाड के लोगों ने मुश्किल वक्त में साथ दिया। प्रियंका ने भी वायनाड से उम्मीदवार बनाए जाने पर खुशी जताई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट से इस्तीफा देने का निर्णय कर उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट का संसद में प्रतिनिधित्व करने का फैसला किया है। कांग्रेस ने साथ ही एक बड़ा राजनीतिक फैसला करते हुए वायनाड सीट से प्रियंका गांधी वाड्रा को चुनाव मैदान में उतारने का भी एलान कर दिया है।
वायनाड से लोकसभा उपचुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने की पार्टी की घोषणा के बाद प्रियंका गांधी की चुनावी राजनीति की पारी शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी के शीर्षस्थ नेताओं के साथ बैठक के बाद राहुल के रायबरेली से सांसद बने रहने और प्रियंका को वायनाड से उपचुनाव में उम्मीदवार बनाने का एलान किया।
प्रियंका गांधी ने वायनाड से उम्मीदवार बनाए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए चुनावी राजनीति में उतरने के बाद कांग्रेस के भरोसे को कायम रखने का वादा किया। लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी रायबरेली और वायनाड, दोनों सीटों से भारी मतों से चुनाव जीते हैं, मगर 18 जून तक उन्हें अपनी एक सीट छोड़नी है।
खरगे के आवास पर हुई बैठक
इसका फैसला करने के लिए ही मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने आवास 10 राजाजी मार्ग पर कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ दो घंटे से अधिक लंबी बैठक की। इस बैठक में ही राहुल के रायबरेली सीट रखने तथा वायनाड से प्रियंका गांधी को उतारने का फैसला लिया गया। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने बैठक के बाद राहुल और प्रियंका संग बाहर आकर दोनों की मौजूदगी में कांग्रेस के इन दोनों अहम फैसलों का एलान किया।
18 जून तक छोड़नी है एक सीट
खरगे ने कहा कि दो जगह से चुनकर आए राहुल गांधी को कानून के तहत कल तक एक सीट छोड़नी है। इसलिए पार्टी ने तय किया है कि राहुल गांधी को रायबरेली सीट रखनी चाहिए, क्योंकि यहां से गांधी परिवार का पीढ़ियों से पारिवारिक जुड़ाव और गहरा रिश्ता है। राहुल गांधी ने इस दौरान वायनाड सीट छोड़ने की घोषणा करते हुए कहा कि रायबरेली से उनका भावनात्मक पुराना जुड़ाव है, मगर वायनाड़ के लोगों ने भी उन्हें सबसे मुश्किल समय में समर्थन दिया और पांच साल वे वहां से सांसद रहे। इसलिए रायबरेली और वायनाड़ के बीच फैसला करना आसान नहीं बल्कि बहुत मुश्किल निर्णय था।'दो-दो सांसद मिलेंगे'
राहुल ने कहा कि वायनाड में दलीय सीमाओं से परे सभी लोगों के प्यार को वे पूरी जिंदगी याद रखेंगे और उनसे किया वादा पूरा करेंगे। इसीलिए प्रियंका अब वायनाड से चुनाव लड़ेंगी और बीच-बीच में वे जाते रहेंगे। राहुल ने कहा कि वायनाड और रायरबरेली को वस्तुत: दो-दो सांसद मिलेंगे। प्रियंका गांधी ने वायनाड से उम्मीदवार बनाए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि राहुल गांधी की अनुपस्थिति वे खलने नहीं देंगी। जहां तक रायबरेली और अमेठी की बात है तो उनका बेहद पुराना रिश्ता है और पिछले 20 सालों से इन दोनों जगहों पर वे काम करती रही हैं।
प्रियंका ने कहा कि रायबरेली और अमेठी से कोई रिश्ता कभी टूट ही नहीं सकता। खरगे ने कहा कि रायबरेली की जनता के साथ पार्टी के लोग भी राहुल के रायबरेली से सांसद रहने के पक्ष में हैं। वायनाड के लोग भी राहुल को सांसद के रूप में चाहते हैं, मगर यह संभव नहीं है और इसलिए पार्टी ने तय किया है कि राहुल वायनाड सीट से इस्तीफा देंगे तो उपचुनाव में प्रियंका गांधी वहां से चुनाव लड़ेंगी।