कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल ने जताया भरोसा, कहा- BJP का विकल्प मुहैया कराने के लिए विपक्ष मिलाएगा हाथ
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि प्रेम और स्नेह करना भारत की प्रकृति है। हिंसक होना और घृणा करना हमारे स्वभाव में नहीं है। इसलिए मुझे भरोसा है कि (महात्मा) गांधी के सोच की ही जीत होगी।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 03 Jun 2023 10:38 PM (IST)
वाशिंगटन, पीटीआई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने यहां भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोगों से कहा कि भारत में इस समय दो विचारधाराओं के बीच लड़ाई चल रही है। एक तरफ महात्मा गांधी का दृष्टिकोण है तो दूसरी तरफ आएसएस का।
साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि देश में सत्तारूढ़ भाजपा का विकल्प मुहैया कराने के लिए सभी विपक्षी दल हाथ मिलाएंगे। बातचीत प्रभावशाली तरीके से आगे बढ़ भी रही है।
राहुल ने अपने सम्मान में आयोजित एक स्वागत समारोह में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्यों से कहा,
मीडिया में कई लोगों को भाजपा और आरएसएस को हकीकत से अधिक महत्वपूर्ण दिखाना पसंद है। कृपया हिमाचल (प्रदेश) चुनाव को देखिए। कर्नाटक चुनाव को देखिए। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव होने वाले हैं। उन चुनावों को देखिए और आप पाएंगे कि कांग्रेस पार्टी भाजपा को हराने में पूरी तरह सक्षम है।
'साथ मिलकर लड़ना बेहद जरूरी'
उन्होंने कहा कि वह जब कांग्रेस से इतर अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात करते हैं तो वे हमेशा इस बात पर जोर देते हैं कि हमारा साथ मिलकर लड़ना बहुत जरूरी है।कांग्रेसी नेता ने कहा कि हमारे देश में दो विचारधाराओं की लड़ाई है।
- एक महात्मा गांधी का शांतिपूर्ण, अहिंसक, सत्यवादी दृष्टिकोण है। यह ऐसी सोच है जिसमें हमारे सभी लोग, चाहे वे किसी भी धर्म से हों, किसी भी जाति से हों और कोई भी भाषा बोलते हों, हमारे राष्ट्र की प्रगति में समान रूप से भागीदार हैं। यह ऐसा देश बनाने की सोच है, जिसमें हर भारतीय स्वयं को अभिव्यक्त करने के लिए स्वतंत्र महसूस करे और स्वयं को राष्ट्र के हिस्से के रूप में देखता हो।
- दूसरी तरफ आरएसएस की विभाजनकारी, अहंकार, अवैज्ञानिक आक्रामकता की सोच है। दोनों विचारधाराओं के बीच लड़ाई लंबे अर्से से जारी है।
राहुल ने कहा,
राहुल ने आरोप लगाया कि भाजपा ने संस्थाओं पर कब्जा कर लिया है। वे सभी संस्थाओं पर दबाव बनाते हैं। इसलिए उनकी आवाज अधिक सुनी जाती है, लेकिन तर्क की आवाज, स्नेह की आवाज को कम मत आंकिए। हमारे देश में प्यार की ताकत है। यह बहुत-बहुत शक्तिशाली है।मुझे पूरा विश्वास है कि प्रेम और स्नेह करना भारत की प्रकृति है। हिंसक होना और घृणा करना हमारे स्वभाव में नहीं है। इसलिए मुझे भरोसा है कि (महात्मा) गांधी के सोच की ही जीत होगी।