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राहुल गांधी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर दिया विवादित बयान, भड़के संतों ने कहा- बुद्धि खराब हो गई

Rahul Gandhi on Ram Mandir राहुल गांधी के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर दिए गए एक विवादित बयान पर घमासान मच गया है। कई संतों ने उनके बयान की आलोचना की है और नाराजगी जताई है। राम मंदिर के मुख्य पुजारी सतेंद्र दास ने कहा कि कांग्रेस सरकार राम के अस्तित्व को नकारती रही है। वहीं भाजपा ने भी मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sat, 28 Sep 2024 09:51 PM (IST)
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राहुल के बयान पर कई साधु-संतों ने नाराजगी जताई है। (File Image)
जागरण टीम, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को नाच-गाना बताकर विवादों में घिर गए हैं। बयान पर अयोध्या के संतों ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है तो विहिप ने भी नाराजगी जताते हुए कहा है कि इसके लिए देश की जनता राहुल को कभी माफ नहीं करेगी।

भाजपा प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल के बयान को राम मंदिर का अपमान करार दिया है। राहुल गांधी ने बीते गुरुवार को हरियाणा के असंध और बरवाला में चुनावी रैलियों के दौरान अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को लेकर टिप्पणी की थी।

राहुल ने क्या कहा?

उन्होंने कहा, 'अयोध्या में हारे क्यों? आपने राम मंदिर खोला। सबसे पहले राष्ट्रपति को कहा कि आप आदिवासी हो, आप अंदर नहीं जा सकतीं। आपको अलाउ नहीं है। उसके बाद अमिताभ बच्चन, अदाणी-अंबानी को बुला लिया। किसी एक मजदूर को आने नहीं दिया। आपने बढ़ई को देखा, किसान को देखा, मजदूर को देखा, कोई नहीं था। वहां नाच गाना चल रहा था। प्रेस वाले हाय-हाय कर रहे थे। पूरा हिंदुस्तान डांस कर रहा है। यही रियल्टी है आपकी।'

राहुल ने कहा, 'इसलिए अवधेश प्रसाद (इंडी गठबंधन के प्रत्याशी) ने इनको (भाजपा) पटका। पूरा हिंदुस्तान देख रहा है।' राहुल के बयान पर नाराजगी जताते हुए अयोध्या के साधु-संतों ने कहा कि उनकी बुद्धि खराब हो गई है। आचार्य पीठ दशरथमहल बड़ास्थान के महंत बिंदुगाद्याचार्य देवेंद्रप्रसादाचार्य ने कहा, 'राहुल को बोलने के पहले विषय की गंभीरता को सोचना चाहिए। राम मंदिर अयोध्या ही नहीं देश की आस्था से जुड़ा है और यहां राजा से लेकर रंक तक आते हैं, ऐसे में इस टिप्पणी को कहीं से भी न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता।'

राम मंदिर के मुख्य पुजारी ने भी की आलोचना

मणिरामदास जी की छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास ने कहा कि राहुल गांधी अनर्गल टिप्पणी के लिए कुख्यात हो चले हैं। वह कृपया राम मंदिर और रामनगरी से दूरी बनाकर रखें। जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य ने कहा कि रामलला समता-समरसता के प्रकाश स्तंभ हैं और उनके संदर्भ में विभाजनकारी समीकरण समझाना अशास्त्रीय एवं अमर्यादित है।

राम मंदिर के मुख्य पुजारी सतेंद्र दास ने कहा कि कांग्रेस सरकार राम के अस्तित्व को नकारती रही है। ऐसे में उनके नेता तो ऐसा बोलेंगे ही। जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी। विहिप के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने राहुल को झूठों का सरदार बताते हुए कहा कि वह देश, समाज व संस्कृति को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ते।

भाजपा ने भी साधा निशाना

नेता प्रतिपक्ष पर भ्रम फैलाने व झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए जैन ने कहा कि प्रोटोकाल के मद्देनजर राष्ट्रपति समारोह के बाद मंदिर में पहुंची थीं। इसी तरह, वंचित समाज से रामेश्वर चौपाल ट्रस्ट के सम्मानित सदस्य हैं, जबकि, मंदिर निर्माण में लगे 200 से अधिक श्रमिकों ने भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लिया था।

भारतीय बौद्ध संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भंते संघ प्रिय राहुल ने कहा कि लोगों को गुमराह कर बांटने का राहुल गांधी का षड्यंत्र कभी सफल नहीं होगा। राम हमारे आराध्य हैं। भाजपा प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राम मंदिर का राहुल गांधी और कांग्रेस बार-बार अपमान कर रही है, वहीं गांधी परिवार तीन बार बाबर के मजार पर जाकर सजदा कर चुका है।

कहा कि राहुल गांधी को प्राण प्रतिष्ठा में कोई श्रमिक नजर नहीं आया। वहां तो श्रमिकों पर पुष्प वर्षा की गई थी। श्रमिकों का जैसा सम्मान हुआ, वैसा ही काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के दौरान हुआ था। त्रिवेदी ने पूछा कि कांग्रेस के शासन काल में कभी ऐसा हुआ है क्या। आप तो उस ताजमहल को उदाहरण बताते थे, जिसे बनवाने के बाद हजारों श्रमिकों के हाथ कटवा दिए गए। उप्र महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने राहुल गांधी से माफी की मांग करते हुए कहा कि उन्हें ऐसी किसी टिप्पणी का अधिकार नहीं है।