राहुल गांधी के वकील को पक्ष रखने का विधिक अधिकार ही नहीं, याचिकाकर्ता के वकील ने दी दलील
वाराणसी की अदालत में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई हुई। राहुल गांधी के वकील द्वारा स्थगन प्रार्थना पत्र पर याचिकाकर्ता के वकील ने आपत्ति जताई। मामला राहुल गांधी के अमेरिका में सिखों पर दिए गए बयान से जुड़ा है। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 25 अगस्त की तारीख तय की है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में दलील दी है कि राहुल गांधी के वकील को पक्ष रखने का विधिक अधिकार ही नहीं है। सुनवाई के बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चतुर्थ (एमपी-एमएलए) की अदालत ने अगली सुनवाई की तिथि 25 अगस्त तय कर दी।
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दरअसल कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ लंबित याचिका पर सुनवाई अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चतुर्थ (एमपी-एमएलए) नीरज कुमार त्रिपाठी की अदालत में मंगलवार को हुई। इस दौरान राहुल गांधी की ओर से उनके वकील अनुज यादव ने स्थगन प्रार्थना पत्र दिया। इसपर याचिकाकर्ता तिलमापुर सारनाथ के पूर्व प्रधान नागेश्वर मिश्र के वकील अलख नारायण राय व विवेक शंकर तिवारी ने आपत्ति की। दलील दी कि याचिका पर राहुल के वकील को पक्ष रखने का विधिक अधिकार नहीं है। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 25 अगस्त की तिथि तय कर दी।
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अमेरिका यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा भारत में सिखों को लेकर दिए गए बयान के खिलाफ लंबित निगरानी याचिका को विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) यजुवेंद्र विक्रम सिंह की अदालत ने बीते 21 जुलाई को मंजूर कर लिया था। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चतुर्थ (एमपी-एमएलए) के आदेश को निरस्त करते हुए नागेश्वर मिश्र के प्रार्थना पत्र पर फिर से सुनवाई कर विधिनुसार आदेश पारित करने का आदेश दिया है।
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नागेश्वर मिश्र ने न्यायिक मजिस्ट्रेट (द्वितीय) की अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की मांग करते हुए प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। इसमें बताया था कि बीते वर्ष देश के प्रमुख विपक्षी दल के नेता राहुल गांधी ने अपने अमेरिका यात्रा के दौरान सिखों पर बेहद आपत्तिजनक बयान दिया था। राहुल गांधी के बयान को भारत के विरूद्ध गृह युद्ध भड़काने की साजिश बताया था।
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