Move to Jagran APP

Parliament Session: डिंपल यादव, मीसा भारती और सुप्रिया के साथ स्पीकर से मिलने पहुंचे राहुल गांधी, बिरला से कर दी ये मांग

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अन्य विपक्षी नेताओं के साथ गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। बुधवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार और कोटा से सांसद ओम बिरला के 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष चुने जाने के बाद विपक्ष की लोकसभा अध्यक्ष के साथ यह पहली मुलाकात थी। इस मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने ओम बिरला के सामने अपनी मांग रखी।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Published: Thu, 27 Jun 2024 11:50 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2024 11:50 PM (IST)
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात की। (File Photo)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को आईएनडीआईए गठबंधन के नेताओं के साथ स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात कर उनके द्वारा आसन से आपातकाल का जिक्र किए जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए उनके इस कदम को राजनीतिक करार दिया। राहुल गांधी ने स्पीकर से इस दौरान साफ कहा कि यह 'स्पष्ट रूप से राजनीतिक' था और इसे टाला जा सकता था।

राहुल की बिरला से हुई मुलाकात

संसद भवन में राहुल गांधी की नेता विपक्ष के तौर पर स्पीकर बिरला से हुई मुलाकात के बाद वेणुगोपाल ने बताया कि यह शिष्टाचार भेंट थी जिसमें उनके साथ आईएनडीआईए गठबंधन के अन्य कई सहयोगी नेता भी शामिल थे।

ये नेता भी रहे मौजूद

लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्यभार संभालने के बाद राहुल गांधी की अध्यक्ष से हुई पहली मुलाकात के दौरान उनके साथ समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव और डिंपल यादव, डीएमके की कनिमोझी, एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले, राजद की मीसा भारती, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी तथा आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन सहित कुछ अन्य नेता मौजूदा थे।

आसन के फैसले पर हैरानी

बुधवार को स्पीकर चुनाव के बाद आपातकाल का प्रस्ताव लाने के आसन के फैसले पर हैरानी जाहिर करते हुए वेणुगोपाल ने ओम बिरला को पत्र लिखकर कांग्रेस की ओर से आधिकारिक विरोध जताते हुए कहा कि संसद की संस्था की विश्वसनीयता को प्रभावित करने वाले एक बहुत ही गंभीर मामला है।

आपातकाल पर राजनीति

वेणुगोपाल ने कहा है कि 26 जून लोकसभा अध्यक्ष के रूप में आपके चुनाव पर बधाई देने के समय सदन में एक सामान्य सौहार्दपूर्ण माहौल था जैसा कि ऐसे अवसरों पर पैदा होता है। मगर अध्यक्ष पद संभालने के औपचारिक भाषण के बाद अचानक आधी सदी पहले आपातकाल को लेकर उनकी ओर से प्रस्ताव लाना बेहद चौंकाने वाला है और स्पीकर का इस तरह राजनीतिक संदर्भ लाना संसद के इतिहास में अभूतपूर्व है।

यह भी पढ़ें: आपातकाल की चर्चा पर भड़की कांग्रेस, बिरला से मिले राहुल गांधी; वेणुगोपाल ने चिट्ठी में जताई आपत्ति


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.