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Congress अध्यक्ष पद चुनाव के लिए विशेष बूथ पर मतदान करेंगे राहुल गांधी, 17 अक्टूबर को होगी वोटिंग

कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित 40 प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के प्रतिनिधि के लिए पार्टी अध्यक्ष पद चुनाव के दौरान विशेष बूथ की स्थापना की जाएगी। ये सभी नेता राहुल गांधी के साथ कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर हैं।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sat, 08 Oct 2022 08:12 PM (IST)
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Congress अध्यक्ष पद चुनाव के लिए विशेष बूथ पर मतदान करेंगे राहुल गांधी।
मांड्या (कर्नाटक), एएनआइ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित 40 प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के प्रतिनिधि के लिए पार्टी अध्यक्ष पद चुनाव के दौरान विशेष बूथ की स्थापना की जाएगी। ये सभी नेता राहुल गांधी के साथ कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर हैं। इसलिए सभी नेता कैंप स्थल पर ही अध्यक्ष पद के लिए मतदान करेंगे। मालूम हो कि कांग्रेस के अध्यक्ष चुनाव के लिए मतदान 17 अक्टूबर को होना है, जिस दौरान पदयात्रा को एक दिन के लिए रोक दी जाएगी।

मतदान के लिए सभी प्रबंध

बता दें कि आज भारत जोड़ो यात्रा का 31वां दिन है और इस समय यह कर्नाटक में है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि मतदान प्रक्रिया में शामिल होने के लिए केवल आइडी कार्ड की जरूरत पड़ेगी। जानकारी के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में मतदान के लिए यात्रा कैंप में सभी प्रबंध किए गए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता में केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण मतदान प्रक्रिया की निगरानी करेगा। चुनाव की अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की गई थी।

थरूर और खड़गे आमने-सामने

बता दें कि नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर है। मतदान 17 अक्टूबर को होगा और चुनाव परिणाम 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे आमने-सामने हैं। इससे पहले, झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी का नामांकन रद्द हो गया था, जिसके बाद चुनाव में शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे बच गये थे।

गैर-गांधी अध्यक्ष मिलना तय

इस दौरान, मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी के अध्यक्ष पद चुनाव के लिए करीब 30 कांग्रेस नेताओं का समर्थन मिला है। इनमें दीपेंद्र हुड्डा, सलमान खुर्शीद, अशोक गहलोत, दिग्विजय सिंह, मनीष तिवारी, पृथ्वीराज चव्हाण और अन्य शामिल हैं। दिग्विजय सिंह ने खुद को पहले ही अध्यक्ष पद की रेस से बाहर कर लिया। उन्होंने अपना समर्थन खड़गे को दिया। इस बार गांधी परिवार से अध्यक्ष पद के लिए कोई नहीं चुनाव लड़ रहा है। इसलिए सबसे पुरानी पार्टी को 25 से अधिक वर्षों के बाद गैर-गांधी अध्यक्ष मिलना तय है।

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