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'रिबन काटते ही गिरने लगते हैं ढांचे', बांद्रा टर्मिनस हादसे पर राहुल का केंद्र पर प्रहार, कहा- केवल प्रचार पर है ध्यान

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बांद्रा टर्मिनस हादसे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने कहा कि सरकार का ध्यान बुनियादी ढांचे को मजबूत करने से ज्यादा प्रचार पर है जिसकी वजह से पुल प्लेटफॉर्म या मूर्तियां रिबन काटने के साथ ही गिरने लगते हैं। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है और सरकार को ध्यान देना चाहिए।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sun, 27 Oct 2024 09:38 PM (IST)
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राहुल गांधी ने कहा कि सरकार का ध्यान प्रचार पर ज्यादा रहता है। (File Image)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुंबई के बांद्रा टर्मिनस स्टेशन में भगदड़ मचने से कई लोगों के घायल होने की घटना पर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। रविवार की घटना के साथ राहुल ने और भी कई वाकयों का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि सार्वजनिक संपत्तियां नष्ट हो रही हैं और सरकार का ध्यान केवल प्रचार पर है।

राहुल गांधी ने अपने एक्स प्रोफाइल पर पोस्ट करते हुए कहा, 'उद्घाटन और प्रचार तभी अच्छे हैं, जब उनके पीछे ऐसी बुनियाद हो, जो जनता की सेवा के लिए असल में काम करे। जब सार्वजनिक संपत्ति के रख-रखाव के अभाव और उपेक्षा के कारण लोगों की जान जाने लगे और पुल, प्लेटफॉर्म या मूर्तियां, रिबन काटने के साथ ही गिरने लगें तो यह गंभीर चिंता का विषय है।'

बांद्रा टर्मिनस हादसे का दिया उदाहरण

राहुल गांधी ने कहा कि हाल ही में मुंबई के बांद्रा टर्मिनस स्टेशन पर हुई भगदड़, भारत के ढहते बुनियादी ढांचे की कड़ी में सबसे ताजा उदाहरण है। पिछले साल जून में बालासोर ट्रेन हादसे में 300 लोगों की जान चली गई, लेकिन पीड़ितों को मुआवजा देने के बजाय भाजपा सरकार ने उन्हें लंबे कानूनी दांव-पेंच में उलझा दिया है।

राहुल ने कहा, 'सोचिए जरा जब छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति तक मात्र 9 महीने में गिर जाती है, इसका साफ मतलब है इरादा सिर्फ प्रचार था। इसमें न ही शिवाजी महाराज का सम्मान था और न जनता की सुरक्षा का ध्यान।'

'देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर के बुनियादी ढांचे की आवश्यकता'

राहुल गांधी ने कहा कि आज देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर के बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है, जो गरीबों की स्थानीय जरूरतों का भी ध्यान रखें। जो व्यापार को सरल, यात्रा को सुगम और लोगों को सुरक्षित रखे। भारत सक्षम है, समर्थ है। हमें बस जरूरत है प्रभावी और पारदर्शी सिस्टम की, जिसका लक्ष्य जनसेवा हो और फोकस देश के मजबूत भविष्य की बुनियाद।

बांद्रा टर्मिनस में मची थी भगदड़ 

गौरतलब है कि मुंबई के बांद्रा टर्मिनस रेलवे स्टेशन पर शनिवार को मध्य रात्रि के बाद भगदड़ मच गई, जिसमें 10 लोग घायल हो गए। हालांकि पश्चिम रेलवे ने दो ही लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। घटना तब हुई जब दीपावली और छठ पर अपने गृहनगर जाने के लिए लोग सीट पर कब्जा करने के लिए गोरखपुर जाने वाली चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रहे थे।

(बांद्रा टर्मिनस में भगदड़ मचने से कई लोग घायल हो गए थे। Photo- Internet Media)

इस दुर्घटना के बाद चुनावी राज्य महाराष्ट्र में राजनीति गर्मा गई है। घटना रात करीब 2:45 बजे हुई, जब 22 डिब्बों वाली साप्ताहिक अनारक्षित ट्रेन बांद्रा-गोरखपुर अंत्योदय एक्सप्रेस (22921) यार्ड से आकर प्लेटफार्म नंबर एक पर लग रही थी। ट्रेन सुबह 5.10 बजे रवाना होनी थी। त्योहार के कारण इस ट्रेन के लिए करीब 5,000 लोग प्लेटफार्म पर थे। ट्रेन में बैठने की क्षमता 2,100 यात्रियों की है और इसके लिए करीब 2,540 टिकटों की बिक्री की गई थी। चूंकि इस ट्रेन में आरक्षण नहीं होता इसलिए लोग सीट कब्जाने के लिए चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करने लगे।