वसुंधरा के करीबी का टिकट काट भाजपा के गढ़ में उतारे गए थे भजनलाल, क्या मोदी-शाह ने पहले ही बना लिया था उनको CM बनाने का मन?
सांगानेर विधानसभा सीट को भाजपा का सुरक्षित गढ़ माना जाता रहा है। इस सीट से हर बार वसुंधरा राजे के बेहद करीबी अशोक लाहोटी यहां से चुनाव जीतते आए हैं। ऐसे में भजनलाल शर्मा को सांगानेर सीट से टिकट देना और फिर कई दिनों के विचार-विमर्श के बाद सांगानेर के विधायक को मुख्यमंत्री बनाने का एलान करना राजनीति के धुरंधरों को भी सोचने को विवश कर देता है।
By Jagran NewsEdited By: Deepti MishraUpdated: Tue, 12 Dec 2023 07:43 PM (IST)
डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में नए मुख्यमंत्री के नाम का एलान हो गया है। सांगानेर विधानसभा सीट से जीतकर पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को सभी की सहमति से कुर्सी सौंपी गई।
सांगानेर विधानसभा सीट को भाजपा का सुरक्षित गढ़ माना जाता रहा है। पिछली बार इस सीट से वसुंधरा राजे के करीबी अशोक लाहोटी यहां से चुनाव जीते थे।ऐसे में भजनलाल शर्मा को सांगानेर सीट से टिकट देना और फिर कई दिनों के विचार-विमर्श के बाद सांगानेर के विधायक को मुख्यमंत्री बनाने का एलान करना राजनीति के धुरंधरों को भी सोचने पर विवश कर दिया है । इसके बाद से लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या भाजपा आलाकमान ने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाने का मन बना लिया था।
राजस्थान की राजधानी जयपुर से भाजपा का गढ़ माने जाने वाली सीट पर पार्टी ने टिकट बांटते वक्त बड़ा फेरबदल किया था। सांगानेर विधानसभा सीट से वसुंधरा के खास अशोक लाहोटी का टिकट काटा गया था। हालांकि, इससे सियासी माहौल गर्म हुआ था, लेकिन जल्द ही शांत भी हो गया।
भाजपा का गढ़ है सांगानेर सीट
सांगानेर सीट भाजपा की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक मानी जाती थी, लेकिन इस बार पार्टी हाईकमान ने यहां से मौजूदा विधायक का टिकट काट दिया और यहां से भजनलाल शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। सांगानेर सीट से कांग्रेस की ओर से पुष्पेंद्र भारद्वाज को ही दोबारा टिकट दिया गया था।यहां साल 2018 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अशोक लाहोटी को जीत मिली थी और पुष्पेंद्र भारद्वाज अशोक लाहोटी से हारे थे। इससे पहले लगातार दो बार यहां से भाजपा के दिग्गज नेता माने जाने वाले घनश्याम तिवाड़ी को जीत मिली थी।भाजपा से बगावत करने के बाद तिवाड़ी ने अपनी पार्टी बनाकर (भारत वाहिनी पार्टी) इस सीट से दोबारा अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। तिवाड़ी साल 2018 में इस सीट पर तीसरे स्थान पर रहे।
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