Rajasthan Result 2023: भाजपा की इस रणनीति में फंसी 'बसपा-कांग्रेस', एक तीर से लगा दिए दो निशाने
Rajasthan Result 2023 भाजपा ने कांग्रेस और बसपा को कई सीटों पर तो हराया ही उसके साथ ही दोनों पार्टियों के पारंपरिक अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के वोट बैंक में भी सेंध लगाकर करारा झटका दिया है। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने दलितों के खिलाफ अत्याचार को अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ रैली में कई बार उठाया जो चुनाव में काम कर गया।
By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Mon, 04 Dec 2023 04:46 PM (IST)
पीटीआई, जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा को बम्पर सीटें मिली है। राजस्थान में भाजपा ने अशोक गहलोत सरकार को कथित घोटालों को लेकर घेरा था, जिसका असर चुनावी नतीजों पर भी दिखा। इसके साथ, भाजपा ने कई और रणनीतियों के साथ दोनों को बड़ा झटका दिया।
कांग्रेस-बसपा के वोट बैंक में लगाया सेंध
दरअसल, भाजपा ने एक तीर से दो निशाने लगाते हुए कांग्रेस और बसपा को कई सीटों पर तो हराया ही, उसके साथ ही दोनों पार्टियों के पारंपरिक अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के वोट बैंक में भी सेंध लगाकर करारा झटका दिया है।
SC-ST सीटों पर भाजपा का दबदबा
जिन 34 एससी आरक्षित सीटों पर चुनाव हुए, उनमें से भाजपा ने 22 और कांग्रेस ने 11 सीटें जीतीं। एक स्वतंत्र उम्मीदवार ने दूसरी सीट जीती। एसटी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित 25 सीटों में से भाजपा ने 12, कांग्रेस ने 10 और भारतीय आदिवासी पार्टी ने तीन सीटें जीतीं।
वहीं, भाजपा ने 2018 में बसपा द्वारा जीती गई नदबई, नगर, करौली और तिजारा सीट पर भी जीत हासिल की। कांग्रेस ने उदयपुरवाटी और किशनगढ़ बास में जीत हासिल की। ये सभी सीटें 2018 में मायावती के नेतृत्व वाली पार्टी ने जीती थीं, लेकिन विधायक बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए।
इस रणनीति को अपनाया
चुनाव प्रचार के दौरान, भाजपा ने 'दलितों के खिलाफ अत्याचार' को अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ रैली में कई बार उठाया, जो चुनाव में काम कर गया। वहीं, 2018 में भाजपा और कांग्रेस के वोट शेयर में दो प्रतिशत से थोड़ा अधिक का अंतर था।
इस बार भाजपा को कुल मतदान का 41.69 फीसद वोट शेयर मिला, जो 2018 की तुलना में 2.41 फीसद ज्यादा रहा। जबकि, कांग्रेस और बसपा के वोट शेयर में 0.29 फीसद और 2.26 फीसद की गिरावट आई।