'राजीव गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस ने किया चुनाव आयोग का दुरुपयोग...', PM Modi के इस बयान के बाद शुरू हुई बहस
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद लोकसभा चुनाव स्थगित करने पर सवाल उठाने के बाद अतीत में चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर जोरदार बहस शुरू हो गई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस ने चुनाव में जनता की सहानुभूति हासिल करने के लिए राजीव गांधी के अस्थि कलश के साथ देशभर में यात्राएं कीं।
आईएएनएस, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद लोकसभा चुनाव स्थगित करने पर सवाल उठाने के बाद अतीत में चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर जोरदार बहस शुरू हो गई है। हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि राजीव गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस ने अनावश्यक रूप से देशभर में चुनाव स्थगित कर दिए।
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर कसा तंज
उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस ने चुनाव में जनता की सहानुभूति हासिल करने के लिए राजीव गांधी के अस्थि कलश के साथ देशभर में यात्राएं कीं। मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि वह वर्तमान चुनाव आयोग पर निष्पक्ष नहीं होने का आरोप लगा रही है, जबकि वह खुद इस तरह की रणनीति में शामिल रही है।
कांग्रेस ने किया था चुनाव आयोग का दुरुपयोग
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस इस समय चुनाव में समान अवसर नहीं होने के बारे में चिंता जता रही है, लेकिन खुद उसने अतीत में निष्पक्षता के प्रति बहुत कम सम्मान दिखाया था। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि राजीव गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस ने चुनाव में देरी के लिए चुनाव आयोग का दुरुपयोग किया, ताकि जनता की सहानुभूति मिल सके।पीएम मोदी की टिप्पणी के बाद लोगों ने दी प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी के बाद एक्स पर बड़ी संख्या में पोस्ट किए गए, जिनमें उस समय के समाचार पत्रों की कतरनें प्रदर्शित की गईं। इन कतरनों से पता चलता है कि कैसे कांग्रेस ने नागरिकों से अपने पक्ष में मतदान करने का आग्रह किया। एक राजनीतिक टिप्पणीकार ने एक्स पर लिखा कि यदि चुनाव के दौरान किसी उम्मीदवार की मृत्यु हो जाती है, तो उस सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया जाता है। केवल एक सीट के लिए पूरे चुनाव को स्थगित करने का कोई नियम नहीं है। फिर भी मई, 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद पूरे चुनाव को तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया गया था।
सात मुख्यमंत्रियों ने किया था कांग्रेस का विरोध
एक अन्य विश्लेषक ने कहा कि कम-से-कम सात मुख्यमंत्रियों ने चुनाव स्थगित करने का कड़ा विरोध किया था। कई लोगों ने इसे लोकतंत्र और संविधान की हत्या कहा था। इसके बावजूद तत्कालीन चुनाव आयुक्त टीएन शेषन, जो कांग्रेसी राजवंश के जाने-माने वफादार थे, आगे आए और मनमाने तरीके से चुनाव स्थगित कर दिया। चुनाव आयोग द्वारा दिए गए तीन सप्ताह का उपयोग कांग्रेस द्वारा सहानुभूति हासिल करने के लिए प्रभावी ढंग से किया गया था।इंटरनेट मीडिया यूजरों ने यह भी कहा कि बाद में शेषन को कांग्रेस द्वारा पुरस्कृत किया गया और उन्हें भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया। एक अन्य राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि कई अन्य मुख्य चुनाव आयुक्तों को भी कांग्रेस द्वारा पुरस्कृत किया गया।