EXCLUSIVE: राजीव गांधी तो भरी संसद में पिछड़ों के खिलाफ बोले थे- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की बात है, कांग्रेस ने इन तीनों राज्यों में अपनी हार पहले से ही स्वीकार कर ली है।
By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Tue, 14 Aug 2018 09:55 AM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आगामी चुनावों में दलितों और पिछड़ों को लेकर राजनीति पूरी गर्म होगी। पिछले कुछ उपचुनावों के नतीजों से उत्साहित विपक्ष ने जहां दलित और पिछड़ों को केंद्रित कर भाजपा को घेरने की रणनीति बनाई है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस को सिरे से दलित और पिछड़ा विरोधी करार देते हैं। वह याद दिलाते हैं, 'राजीव गांधी भरी संसद में मंडल कमीशन के खिलाफ बोले थे और वह सब रिकॉर्ड में है। पिछड़े समाज को न्याय न मिले, उसके लिए उन्होंने बड़ी-बड़ी दलीलें पेश की थीं।
1997 में कांग्रेस और तीसरे मोर्चे की सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण बंद कर दिया था।' वह तो अटल जी की सरकार थी, जिसने फिर से एससी-एसटी समाज को न्याय दिलाया।पिछले दिनों मॉब लिंचिंग से लेकर एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक पर खासी राजनीति हुई है। कथित महागठबंधन की रूपरेखा भी कुछ इस अंदाज में तैयार की जा रही है कि भाजपा को इन वर्गो से मिले वोट वर्ग को कैसे तोड़ा जाए। दूसरी तरफ सत्ताधारी पार्टी उन दलों के पुराने इतिहास को खंगाल चुकी है और जनता के सामने उसे पेश किया जाएगा।
'दैनिक जागरण' को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री मोदी बेहिचक कहते हैं कि जब कभी चुनाव आता है तभी इन दलों को दलित व पिछड़े याद आते हैं। भ्रम फैलाया जाता है। लेकिन जनता जानती है कि भाजपा सरकार उनके हितों के लिए कृतसंकल्प है। एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री चुनाव नतीजों के विश्लेषण पर भी टिप्पणी करते हैं।
'दैनिक जागरण' ने जब उनसे पूछा कि क्या छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनाव को लोकसभा का लिटमस टेस्ट माना जाएगा? तो वह तंज करते हैं, 'हमारे लिए कौन सा चुनाव लिटमस टेस्ट नहीं होता? संसद से लेकर पंचायत और यहां तक कि छात्रसंघ के चुनाव मोदी के लिए लिटमस टेस्ट बताए जाते हैं। पर मजेदार बात यह है कि जब हम लिटमस टेस्ट पास कर लेते हैं, जो अधिकतर होता ही है, तब उस समय चुनाव का और उस जीत का महत्व अचानक से कम आंका जाने लगता है। लेकिन, अगर किसी चुनाव में विपक्ष हमें थोड़ी बहुत चुनौती भी दे देता है तो वह उनकी नैतिक जीत हो जाती है।'
मप्र, छत्तीसगढ़ व राजस्थान में सुशासन के दम पर जीतेंगे
वह आगे कहते हैं कि जहां तक मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की बात है, कांग्रेस ने इन तीनों राज्यों में अपनी हार पहले से ही स्वीकार कर ली है और वह विकास के नाम पर चुनाव लड़ने से दूर भाग रही है। तीनों ही राज्यों में हमारे पास लोकप्रिय मुख्यमंत्री हैं। इन राज्यों की जनता वहां की सरकारों के सुशासन के रिकॉर्ड के आधार पर भाजपा को अपना मत देगी। आरक्षण हमेशा जारी रहेगा
आरक्षण के सवाल पर वह स्पष्ट कहते हैं, 'आरक्षण कभी खत्म नहीं होगा। हमारे संविधान और बाबा साहेब के सपने अभी अधूरे हैं और आरक्षण उन्हें पूरा करने का एक महत्वपूर्ण अंग है। आरक्षण रहेगा, आरक्षण हमेशा रहेगा और आरक्षण द्वारा दलित समाज को सशक्त बनाने का काम चलता रहेगा।'2019 में बड़ी जीत का रास्ता साफ
सवाल जवाब के दौर में वह कहते हैं कि पिछले चार साढ़े साल में देश प्रगति पथ पर बढ़ा है। सरकार में सोच दिखी है और काम को पूरा करने का संकल्प जमीन पर उतरा है। जनता इसे मानती है। जबकि दूसरी ओर विपक्ष दलित अधिकार से जुड़े एससी-एसटी, ओबीसी आयोग समेत सभी मुद्दों पर बेनकाब हुआ है। ऐसे में 2019 में फिर से बड़ी जीत का रास्ता साफ है।
वह आगे कहते हैं कि जहां तक मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की बात है, कांग्रेस ने इन तीनों राज्यों में अपनी हार पहले से ही स्वीकार कर ली है और वह विकास के नाम पर चुनाव लड़ने से दूर भाग रही है। तीनों ही राज्यों में हमारे पास लोकप्रिय मुख्यमंत्री हैं। इन राज्यों की जनता वहां की सरकारों के सुशासन के रिकॉर्ड के आधार पर भाजपा को अपना मत देगी। आरक्षण हमेशा जारी रहेगा
आरक्षण के सवाल पर वह स्पष्ट कहते हैं, 'आरक्षण कभी खत्म नहीं होगा। हमारे संविधान और बाबा साहेब के सपने अभी अधूरे हैं और आरक्षण उन्हें पूरा करने का एक महत्वपूर्ण अंग है। आरक्षण रहेगा, आरक्षण हमेशा रहेगा और आरक्षण द्वारा दलित समाज को सशक्त बनाने का काम चलता रहेगा।'2019 में बड़ी जीत का रास्ता साफ
सवाल जवाब के दौर में वह कहते हैं कि पिछले चार साढ़े साल में देश प्रगति पथ पर बढ़ा है। सरकार में सोच दिखी है और काम को पूरा करने का संकल्प जमीन पर उतरा है। जनता इसे मानती है। जबकि दूसरी ओर विपक्ष दलित अधिकार से जुड़े एससी-एसटी, ओबीसी आयोग समेत सभी मुद्दों पर बेनकाब हुआ है। ऐसे में 2019 में फिर से बड़ी जीत का रास्ता साफ है।