मध्यप्रदेश: हार्दिक के दबाव में कांग्रेस ने राजमणि पटेल को भेजा राज्यसभा
हार्दिक पटेल के दबाव में कांग्रेस हाईकमान ने 73 साल के ओबीसी नेता राजमणि पटेल को राज्यसभा भेजने का फैसला लिया है।
भोपाल (नईदुनिया)। कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुए राज्यसभा सदस्य राजमणि पटेल को किसने टिकट दिलाया? इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए कांग्रेस ही नहीं, भाजपा के नेता भी सक्रिय हैं। दरअसल, पिछले 15 साल से कांग्रेस की राजनीति में राजमणि भी हाशिए पर थे, ऐसे में अचानक उन्हें राज्यसभा भेजे जाने से सभी भौंचक हैं। इसके पीछे गुजरात के पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को अहम रोल है।
हार्दिक पटेल के दबाव में कांग्रेस हाईकमान ने 73 साल के ओबीसी नेता राजमणि पटेल को राज्यसभा भेजने का फैसला लिया है। हार्दिक के मध्यप्रदेश आगमन पर राजमणि पटेल ने न सिर्फ बढ़-चढ़कर उनके कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था बल्कि उनके आंदोलन और रैली में भी वे साथ-साथ थे।
मध्य प्रदेश के पांच राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल दो अप्रैल को खत्म हो रहा है। इनमें से चार सीट भाजपा के खाते में गई हैं और एक सीट कांग्रेस को मिली है। भाजपा के टिकट पर केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत और धर्मेंद्र प्रधान, पिछड़े वर्ग के कैलाश सोनी व विंध्य के अजय प्रताप सिंह गुरुवार को निर्वाचित हो गए। दरअसल, भाजपा के प्रत्याशी देखकर कांग्रेस ने राजमणि पटेल के नाम का एलान किया था। पटेल का नाम सुनते ही सारे नेता हैरान थे कि आखिर पार्टी ने किस पिटारे से यह नाम निकाला। पटेल भी मूलरूप से विंध्य के ही नेता हैं और उन्होंने जीवन पर्यत पिछड़े वर्ग की राजनीति की। पिछले 15 साल से वे विधानसभा से बाहर हैं, साथ ही राजनीति की मुख्यधारा से भी। समय-समय पर वे पिछड़े वर्ग को लेकर रैली आंदोलन करते रहते हैं पर अचानक उन्हें राज्यसभा का टिकट मिलने से लोगों को भरोसा ही नहीं हो पा रहा था।
खुद पटेल के नाम की जब घोषणा होने वाली थी, तब वे ट्रेन में थे और भोपाल आ रहे थे। 'नईदुनिया' ने जब उन्हें टिकट की जानकारी दी तो पटेल को विश्वास नहीं हो पा रहा था। हार्दिक ने कांग्रेस हाईकमान से पिछड़े वर्ग के ही नेता और राजमणि पटेल को प्रत्याशी बनाने के लिए दबाव बनाया था।
विंध्य की राजनीति के लिहाज से फायदेमंद रहेंगे पटेल
दरअसल हार्दिक को मप्र लाने में राजमणि ने अहम भूमिका निभाई थी। राजमणि ने ही प्रदेश के अन्य पिछड़े नेताओं के साथ हार्दिक पटेल की मीटिंग कराई। विंध्य की राजनीति के लिहाज से भी राजमणि कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित होंगे। विंध्य में भाजपा की स्थिति ठीक नहीं है। चित्रकूट उपचुनाव भाजपा हार गई। इससे पहले शहडोल लोकसभा चुनाव में भी भाजपा की नाक गोंडवाना पार्टी ने बचाई थी। इन्हीं सब हालात को देखते हुए भाजपा के अगड़े नेता अजय प्रताप सिंह के जवाब में कांग्रेस ने पिछड़े नेता को अपना प्रत्याशी बनाया। कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी कहते हैं कि ये बात सही है कि राजमणि पिछड़े वर्ग के नेता हैं, लेकिन कांग्रेस जातिवाद की राजनीति से दूर रहती है। उन्हें टिकट देने में भी योग्यता, भौगोलिक और राजनीतिक संतुलन को आधार बनाया गया है।