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'विपक्ष ने संसदीय मर्यादाओं को किया तार-तार', लोकसभा में विपक्षी दलों के आचरण को लेकर निंदा प्रस्ताव पारित

राष्ट्रपति भाषण पर चर्चा का जवाब देने आए प्रधानमंत्री के खड़े होते ही कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के कई सदस्य वेल में पहुंचे और लगभग दो घंटे तक वहीं डटे रहे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सीधे सीधे नेता विपक्ष राहुल गांधी को इसके लिए जिम्मेदार भी ठहराया। बाद में सदन के उपनेता राजनाथ सिंह के प्रस्ताव पर विपक्ष के इस रवैए के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Tue, 02 Jul 2024 10:30 PM (IST)
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मोदी सरकार ने विपक्ष के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया।(फोटो सोर्स: जागरण)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। यूं तो 18वीं लोकसभा पहले दिन से एक ऐसे अखाड़े के रूप में दिखने लगी है जहां इसकी आशंका गहरा गई है कि कोई भी सत्र सुचारू हो सके। लेकिन मंगलवार को जो हुआ वह अभूतपूर्व था।

राष्ट्रपति भाषण पर चर्चा का जवाब देने आए प्रधानमंत्री के खड़े होते ही कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के कई सदस्य वेल में पहुंचे और लगभग दो घंटे तक वहीं डटे रहे। प्रधानमंत्री की आवाज को शोरगुल में दबाने की कोशिश होती रही। यह सब लगभग दो घंटे तक चलता रहा।

विपक्ष के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित 

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सीधे सीधे नेता विपक्ष राहुल गांधी को इसके लिए जिम्मेदार भी ठहराया। बाद में सदन के उपनेता राजनाथ सिंह के प्रस्ताव पर विपक्ष के इस रवैए के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया।

विपक्षी सांसद वेल में सरकारी पक्ष की तरफ तक आकर डटे रहे। लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें कई बार अपनी मेज तक जाने को कहा लेकिन वह नहीं माने। भाषण में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें इसकी आदत हो गई है और उनकी आवाज भी बुलंद हो गई है।

विपक्ष ने संसदीय मर्यादाओं को तार-तार किया: राजनाथ सिंह 

बाद में राजनाथ सिंह ने प्रस्ताव पेश किया जिसमें लिखा था' राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जब प्रधानमंत्री का संबोधन चल रहा था तो उस दौरान विपक्ष द्वारा संसदीय मर्यादाओं को लगातार तार-तार किया गया।मैं प्रस्ताव करता हूं कि इस कृत्य की पूरा सदन भ‌र्त्सना करे। '

इस दौरान निंदा प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित किया गया। सत्ता पक्ष की कहना था कि विपक्ष की ओर से जिस तरह से झूठ बातें कहीं गई थी, वह नहीं चाहता था कि देश की जनता को उसकी हकीकत पता चलें। इसलिए सुनियोजित तरीके से इस तरह की नारेबाजी व शोर-शराबा किया गया।

फिलहाल जनता सब जानती है। पीएम मोदी ने खुद भी विपक्ष के नेता राहुल गांधी की बात को ध्यान से सुना। लेकिन राहुल गांधी ने ऐसा नहीं किया। वह अपने सदस्यों को वेल में जाने और नारेबाजी करने के लिए उकसाते हुए देखे गए। 

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