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राज्यसभा के 12 सांसदों के खिलाफ होगी विशेषाधिकार उल्लंघन की कार्रवाई! जगदीप धनखड़ ने समिति को भेजा मामला

जगदीप धनकड़ ने राज्य सभा में नारेबाजी करने और कार्यवाही में व्यवधान डालने के लिए संसदीय समिति से कांग्रेस और आप के 12 सदस्यों के विरुद्ध कथित विशेषाधिकार हनन की जांच करने के लिए कहा है। इनमें कई बड़े नाम भी शामिल हैं।

By Jagran NewsEdited By: Mahen KhannaUpdated: Mon, 20 Feb 2023 11:51 PM (IST)
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जगदीप धनकड़ ने संसदीय समिति को भेजा मामला।

नई दिल्ली, प्रेट्र। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनकड़ ने बार-बार सदन के कूप (वेल) में जाने, नारेबाजी करने और कार्यवाही में व्यवधान डालने के लिए संसदीय समिति से कांग्रेस और आप के 12 सदस्यों के विरुद्ध कथित विशेषाधिकार हनन की जांच करने के लिए कहा है। राज्यसभा बुलेटिन के मुताबिक, इनमें से नौ सदस्य कांग्रेस और तीन सदस्य आम आदमी पार्टी (आप) के हैं।

इन नेताओं पर हो सकता एक्शन

कांग्रेस सदस्यों में शक्तिसिंह गोहिल, नरनभाई जे. राठवा, सैयद नासिर हुसैन, कुमार केतकर, इमरान प्रतापगढ़ी, एल. हनुमंथैया, फूलो देवी नेताम, जेबी माथेर हिशाम व रंजीत रंजन शामिल हैं। जबकि आप सदस्यों में संजय सिंह, सुशील कुमार गुप्ता व संदीप कुमार पाठक शामिल हैं। इस घटनाक्रम पर आप सदस्य संजय सिंह ने कहा, 'हमने ऐसा कुछ नहीं किया है जो विशेषाधिकार हनन में आता हो। हमने सिर्फ सच कहा है और करोड़ों सामान्य जन से जुड़े घोटाले को उजागर किया है।' उन्होंने कहा, 'जब हमें नोटिस मिलेगा, हम उसका जवाब देंगे।'

बजट सत्र में बार-बार बाधित हुई राज्यसभा की कार्यवाही

राज्यसभा सचिवालय ने इस बारे में जानकारी दी है कि सभापति ने संबंधित सांसदों के गैर-मर्यादित आचरण से उत्पन्न होने वाले विशेषाधिकार के कथित उल्लंघन का प्रश्न संदर्भित किया है। सचिवालय के अनुसार, बार -बार सदन के वेल में आकर, नारेबाजी करके और लगातार सदन की कार्यवाही में बाधा डालकर और सभापति को बार-बार सदन की बैठकें स्थगित करने के लिए मजबूर करके संबंधित सदस्यों ने सभापति को यह कदम उठाने पर मजबूर किया है। 

बता दें कि बजट सत्र के पहले चरण के दौरान विपक्षी सांसदों ने विभिन्न मुद्दों के चलते बार-बार राज्यसभा की कार्यवाही बाधित की है।

नियम 203 के तहत होगी कार्रवाई

राज्यसभा सचिवालय ने एक अन्य नोटिस में जानकारी दी कि राज्यसभा सदस्य संजय सिंह द्वारा नियम 267 के तहत बार-बार एक जैसे नोटिस प्रस्तुत किए जाने के संबंध में सभापति ने सभापति के निर्देश नहीं माने जाने के चलते उत्पन्न विशेषाधिकार के उल्लंघन के संबंध में राज्यसभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन विषयक नियम के नियम 203 के तहत प्रश्न संदर्भित किया है।