Rajya Sabha Election 2022: रायपुर में चिंतन के बहाने बिगड़ा खेल बनाने की कोशिश में कांग्रेस
हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों के लिए अब 10 जून को मतदान होना तय हो गया है। नामांकन वापसी के आखिरी दिन किसी भी उम्मीदवार ने नाम वापस नहीं किया। हरियाणा में 90 विधायक हैं। भाजपा विधायकों की संख्या 40 कांग्रेस 31 और निर्दलीय विधायकों की संख्या सात है।
By Piyush KumarEdited By: Updated: Sat, 04 Jun 2022 07:42 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों के लिए अब 10 जून को मतदान होना तय हो गया है। नामांकन वापसी के आखिरी दिन किसी भी उम्मीदवार ने नाम वापस नहीं किया। विधायकों के संख्या बल के आधार पर भाजपा उम्मीदवार कृष्णलाल पंवार का राज्यसभा जाना तय है, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन और जजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा के बीच कांटे की टक्कर होगी। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने माकन को 31 से अधिक विधायकों के वोट के जरिये जीत का दावा किया है, जबकि जजपा महासचिव दिग्विजय चौटाला ने कहा कि कार्तिकेय चार से पांच वोट अधिक लेकर माकन को शिकस्त देंगे।
कुलदीप बिश्नोई अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से हैं खफाबता दें कि हरियाणा में 90 विधायक हैं। भाजपा विधायकों की संख्या 40, कांग्रेस 31, जजपा के 10 और निर्दलीय विधायकों की संख्या सात है। एक हलोपा और एक इनेलो विधायक भी चुनकर आये हैं। भाजपा के पास 57 विधायकों का समर्थन हासिल है। एक निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू सरकार से नाराज हैं, जबकि एक कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से खफा हैं। हलोपा विधायक गोपाल कांडा सरकार के साथ हैं, जबकि इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला, निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू और कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। राज्यसभा चुनाव में चूंकि व्हिप जारी नहीं होता, इसलिए क्रास वोटिंग की आशंका पूरे समय बनी रहेगी। माकन को भी जीत के लिए 31 विधायकों की जरूरत है। कांग्रेस के पास इतने ही विधायक हैं, जिसमें कुलदीप बिश्नोई नाराज हैं। कांग्रेस को लगता है कि उसके विधायकों में तोड़फोड़ हो सकती है। इसलिए उन्हें रायपुर में रखा गया है।
बिगड़ा हुआ खेल को बनाने में जुटी कांग्रेसवहां दीपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में 27 विधायक पहुंचे हुए हैं, जबकि चिरंजीव राव अपना जन्मदिन मनाने के बाद शनिवार को पहुंचेंगे। किरण चौधरी ने रायपुर जाने से मना कर दिया है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पार्टी प्रभारी विवेक बंसल के साथ अगले एक-दो दिन में रायपुर पहुंचेंगे। कुलदीप बिश्नोई नाराजगी स्वरूप रायपुर नहीं पहुंचे। उदयपुर सम्मेलन के बाद हरियाणा कांग्रेस को राज्य व जिला स्तर पर ऐसे शिविर आयोजित करने थे, लेकिन क्रास वोटिंग के खतरे से बचने के लिए जिन विधायकों को रायपुर ले जाया गया है, उनका वहीं पर चिंतन-प्रशिक्षण शिविर लगेगा। हालांकि ऐसा शिविर चंडीगढ़ के नजदीक पंचकूला, शिमला, मोरनी अथवा कसौली कहीं भी लगाया जा सकता था, लेकिन भयंकर गर्मी वाले इलाके रायपुर में ¨चतन-प्रशिक्षण शिविर के बहाने कांग्रेस बिगड़ा गेम बनाने की कोशिश में है।
जिला स्तर पर भी अभी तक ऐसे शिविर नहीं लगाए गए। सवाल यह भी उठ रहा है कि यदि रायपुर में कांग्रेस का प्रशिक्षण या चिंतन शिविर लगने वाला है तो विधायक के नाते किरण चौधरी व कुलदीप बिश्नोई पर उसमें शामिल होने की बाध्यता क्यों लागू नहीं है। या फिर उन्हें आधिकारिक रूप से इस ¨चतन शिविर की जानकारी नहीं है।कुलदीप ने कहा, अंतर आत्मा की आवाज पर दूंगा वोट हाईकमान से नाराज चल रहे कुलदीप बिश्नोई ने पार्टी का आदेश मानने की बजाय अंतर आत्मा की आवाज पर वोट देने की बात कही है। बाकी विधायकों से भी कहा है कि वे भी अपनी अंतर आत्मा की आवाज पर वोट डालें। वह रायपुर भी नहीं गए हैं। उन्होंने राजस्थान में कांग्रेस महासचिव रणदीप ¨सह सुरजेवाला का समर्थन करते हुए कुलदीप ने कहा कि वह अच्छे नेता हैं। उन्हें राज्यसभा जरूर जाना चाहिए।
लोकतंत्र में विधायकों को नजरबंद रखना उचित नहीं : कार्तिकेय शर्माकार्तिकेय शर्मा निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा का कहना है कि लोकतंत्र में विधायकों को नजरबंद करके रखना उचित नहीं है। ऐसा करकेकांग्रेस ने प्रत्याशी के नाते उनका हक छीना है। उन्हें कांग्रेस विधायकों से मिलने, संवाद करने की छूट मिलनी चाहिए थी। उन्हें आशा है कि कांग्रेस विधायक अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट डालेंगे।