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राज्यसभा में जया बच्चन और जगदीप धनखड़ की तीखी बहस, विपक्षी दलों ने किया वॉकआउट; भाजपा सांसद से माफी की जिद पर अड़ी कांग्रेस

Jaya Bachchan vs Jagdeep Dhankar राज्यसभा में शुक्रवार का दिन काफी हंगामेदार रहा। जहां कांग्रेस भाजपा सांसद की टिप्पणी पर माफी की जिद पर अड़ी रही तो वहीं जया बच्चन और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच तीखी नोक-झोंक हो गई। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस ने सभापति जगदीप धनखड़ पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 09 Aug 2024 04:58 PM (IST)
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विपक्षी दलों के सांसदों ने किया राज्यसभा से वॉकआउट। (Photo- ANI)
एजेंसी, नई दिल्ली। राज्यसभा में शुक्रवार को विपक्षी दल के सांसदों और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच गहमागहमी देखने को मिली, जिसके बाद विपक्षी दलों ने वॉकआउट करते हुए सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया।

इससे पहले राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान कांग्रेस सांसदों ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ टिप्पणी के लिए भाजपा सांसद घनश्याम तिवारी से माफी की मांग की, लेकिन राज्यसभा सभापति ने जोर देकर कहा कि इस मुद्दे को नेताओं के साथ निजी तौर पर सुलझा लिया गया था।

जया बच्चन ने की सभापति के लहजे पर टिप्पणी

विपक्षी राज्यसभा सांसदों ने खरगे के बारे में घनश्याम तिवारी की टिप्पणी को सदन से हटाने की मांग की। इस बीच समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन और सभापति धनखड़ के बीच भी तीखी नोकझोंक हो गई। सबसे पहले जया बच्चन ने सभापति धनखड़ के लहजे पर टिप्पणी की।

इसके बाद सभापति ने जया बच्चन की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि वह स्कूली शिक्षा नहीं चाहते हैं और वह किसी स्क्रिप्ट पर नहीं चलते हैं। उनकी अपनी स्क्रिप्ट है। इस पर विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। जैसे ही विपक्षी सांसद बाहर चले गए, सभापति ने भारत छोड़ो आंदोलन की सालगिरह (9 अगस्त) का जिक्र किया और कहा कि विपक्ष संसद छोड़ रहा था, यह उनका कर्तव्य है।

कांग्रेस ने लगाया पक्षपातपूर्ण रवैये का आरोप

विपक्षी सांसदों ने सदन से बाहर निकलकर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने सभापति जगदीप धनखड़ पर विपक्ष के खिलाफ पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि विपक्षी दलों को लगता है कि सभापति का दृष्टिकोण पक्षपातपूर्ण है। राज्यसभा एक ऐसा सदन है, जो अन्य विधानसभाओं के लिए मानदंड निर्धारित करता है। उस सदन में सभापति को पक्षपातपूर्ण नहीं देखा जाना चाहिए। अकेले कांग्रेस को ऐसा नहीं लगता है, सभी विपक्षी दलों को ऐसा लगता है।

राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने दावा किया कि विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने की इजाजत नहीं है, उन्हें बार-बार रोका जाता है और उनके माइक्रोफोन अक्सर बंद कर दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक पार्टी के बारे में नहीं है। दो-तीन दिन पहले घनश्याम तिवारी ने विपक्ष के नेता के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया था, जो सही नहीं थे और अपमानजनक और अस्वीकार्य थे। हमने विशेषाधिकार प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया था। हम इस पर फैसला जानना चाहते थे, फैसला नहीं आया है, यह लिखित में होना चाहिए।

जया बच्चन का आरोप

प्रमोद तिवारी ने कहा कि घनश्याम तिवारी ने सदन में गरिमाहीन भाषा और लहजे का इस्तेमाल किया और उन्हें सदन में अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए। वहीं जगदीप धनखड़ के साथ हुई बहस को लेकर जया बच्चन ने कहा कि उन्हें सभापति द्वारा इस्तेमाल किए गए लहजे पर आपत्ति है। उन्होंने कहा, 'मैंने अध्यक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए लहजे पर आपत्ति जताई। हम स्कूली बच्चे नहीं हैं। हममें से कुछ वरिष्ठ नागरिक हैं। मैं लहजे से परेशान थी और खासकर जब विपक्ष के नेता बोलने के लिए खड़े हुए, तो उन्होंने माइक बंद कर दिया। आप कैसे कर सकते हैं।'

भाजपा ने विपक्ष के व्यवहार को बताया अनुचित

इधर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विपक्ष का आचरण अनुचित बताते हुए कहा कि यह निंदनीय है। उन्होंने सदन में विपक्ष के व्यवहार पर 'निंदा प्रस्ताव' पेश किया। विपक्ष के सदन से वॉकआउट करने के बाद केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्षी नेताओं से माफी की मांग की और कहा कि यह देश के लोकतांत्रिक मूल्यों, लोकतंत्र और संविधान का अपमान है। उन्होंने कहा, 'यह सदन सिर्फ ईंट-गारे की इमारत नहीं है, यह लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है। मैं 6 बार लोकसभा और 6 बार विधानसभा का सदस्य रहा हूं। लेकिन मैंने अपने जीवन में सदन में विपक्ष का इतना अनियंत्रित व्यवहार कभी नहीं देखा।'