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Ram Mandir समारोह को लेकर कांग्रेस में मची रार, एक और नेता ने कहा- आलाकमान का फैसला निराशाजनक है

Ram Mandir रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण मिलने के मुद्दे पर राजनीति भी खूब हो रही है। बुधवार को कांग्रेस के आलाकमान ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकरा दिया है। सोनिया गांधी मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई नेताओं ने इस आयोजन में शामिल न होने का फैसला किया है। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को यह फैसले पार्टी के अंदर ही कलह का वजह बन गया है।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 11 Jan 2024 10:53 AM (IST)
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सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई नेताओं रामलला प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से इनकार कर दिया।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)
एएनआई, अहदाबाद। Ram Mandir। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए करोड़ों रामभक्त 22 जनवरी को अयोध्या पहुंचना चाहते हैं। हालांकि,  श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से कुछ खास लोगों को ही इस दिन के निमंत्रण भेजा गया है।

वहीं, निमंत्रण मिलने के मुद्दे पर राजनीति भी खूब हो रही है। बुधवार को कांग्रेस के आलाकमान ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकरा दिया है। सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई नेताओं ने इस आयोजन में शामिल न होने का फैसला किया है। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को यह फैसले पार्टी के अंदर ही कलह का वजह बन गया है।

जनभावना का दिल से सम्मान करना चाहिए:  अंबरीश डेरे

कई कांग्रेस नेताओं ने टिप्पणी करते हुए कांग्रेस आलाकमान के फैसले पर आपत्ति जताई है। गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अंबरीश डेरे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम हमारे आराध्य देव हैं इसलिए यह स्वाभाविक है कि भारत भर में अनगिनत लोगों की आस्था इस नवनिर्मित मंदिर से वर्षों से जुड़ी हुई है।

उन्होंने आगे लिखा,"कांग्रेस के कुछ लोगों को उस खास तरह के बयान से दूरी बनाए रखनी चाहिए और जनभावना का दिल से सम्मान करना चाहिए। इस तरह के बयान से मेरे जैसे कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं के लिए निराशा है। जय सियाराम।"

देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय: अर्जुन मोढवाडिया

इससे पहले गुजरात के कांग्रेस विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने आलाकमान के फैसले पर आपत्ति जाहिर की है। एक्स पर उन्होंने लिखा,"भगवान श्री राम आराध्य देव हैं। यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है। कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था।"

निमंत्रण को ठुकराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण:  आचार्य प्रमोद

इसके अलावा, कांग्रेस के इस फैसले पर पार्टी नेता आचार्य प्रमोद ने भी प्रतिक्रिया साझा की है। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा," राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और आत्मघाती फैसला है,आज दिल टूट गया।

कांग्रेस ने क्या कहा?

कांग्रेस महासचिव ने बुधवार को एक पत्र साझा करते हुए कहा कि भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं। धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय है, लेकिन वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजन बना दिया है।

जयराम रमेश ने आगे कहा कि एक  ‘अर्द्धनिर्मित मंदिर’ का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए किया जा रहा है। कांग्रेस ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भाजपा और आरएसएस का इवेंट करार दिया है।

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