रंग लाने लगे हैं सरकार के प्रयास, कृषि वृद्धि दर ने पकड़ी रफ्तार
रबी की रिकॉर्ड तोड़ 28.45 करोड़ टन की पैदावार ने कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर को रफ्तार पकड़ा दी है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कृषि की विकास दर 5.3 फीसद पहुंच गई है।
By Vikas JangraEdited By: Updated: Sat, 01 Sep 2018 12:04 AM (IST)
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। मानसून की अच्छी बारिश, बजट में कृषि क्षेत्र के लिए दोगुना आवंटन और नीतिगत फैसला लेने के साथ अमल पर जोर से खेती ने रंग दिखाना शुरु कर दिया है। इसी के चलते कृषि की विकास दर नई ऊंचाइयों को छूने लगी है। रबी की रिकॉर्ड तोड़ 28.45 करोड़ टन की पैदावार ने कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर को रफ्तार पकड़ा दी है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कृषि की विकास दर 5.3 फीसद पहुंच गई है।
केंद्र की राजग सरकार ने कृषि क्षेत्र पर विशेष जोर देते हुए इसके बजट आवंटन को दोगुना कर दिया है। पिछले पांच वर्षो के आम बजट में सरकार ने कृषि क्षेत्र का बजट आवंटन 1.21 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। कृषि क्षेत्र पर समग्रता से विचार करने का नतीजा मिलने लगा है। रबी सीजन की पैदावार के आंकड़े ने अब तक के सभी रिकार्ड तोड़ दिये हैं। बागवानी उत्पादों का आंकड़ा इससे कहीं अधिक है।चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जारी आंकड़े के मुताबिक कृषि क्षेत्र की विकास दर 5.3 फीसद रही है। जबकि पिछले साल की इसी अवधि में विकास की यह दर मात्र तीन फीसद थी। चावल की वृद्धि दर 15 फीसद, गेहूं की 1.2 फीसद, मोटे अनाज की 15.6 फीस और दलहन की वृद्धि दर 17.3 फीसद रही है। नगदी फसलों के साथ तिलहन की वृद्धि दर 5.6 फीसद रही है।
बागवानी उत्पादों की बंपर पैदावार ने खेती की सूरत ही बदल दी है। कृषि और इससे जुड़े उद्यम की जीडीपी में सब्जियों और फलों की हिस्सेदारी 55.1 फीसद तक है। पशुपालन, डेयरी, वानिकी और मत्स्य क्षेत्र की भागीदारी 44.9 फीसद है। इस क्षेत्र की वृद्धि दर 8.1 फीसद रही। पहली तिमाही की इस तस्वीर को देखते हुए कृषि क्षेत्र नई ऊंचाइयों को छूने की ओर है।देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार का पूरा जोर घाटे में डूबी कृषि क्षेत्र को उबारने पर रहा है। खेती को टुकड़े-टुकड़े में देखने के बजाय व्यापकता में देखने की कोशिश की गई। बजट आवंटन में कृषि क्षेत्र सरकार की प्राथमिकता में शुमार है।
सरकार का ध्यान सिर्फ उत्पादन बढ़ाने के बजाय किसानों की आमदनी को बढ़ाने पर रहा। तभी तो सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अभी हाल में ही नाबार्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक किसानों की आय वृद्धि की दर 12 फीसद आंकी गई है।
शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में समूची कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर तीन फीसद से बढ़कर 5.3 फीसद तक पहुंच गई है। मानसून की व्यापक बारिश के चलते चालू खरीफ फसलों की पैदावार में भी उल्लेखनीय वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है।
सरकार का ध्यान सिर्फ उत्पादन बढ़ाने के बजाय किसानों की आमदनी को बढ़ाने पर रहा। तभी तो सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अभी हाल में ही नाबार्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक किसानों की आय वृद्धि की दर 12 फीसद आंकी गई है।
शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में समूची कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर तीन फीसद से बढ़कर 5.3 फीसद तक पहुंच गई है। मानसून की व्यापक बारिश के चलते चालू खरीफ फसलों की पैदावार में भी उल्लेखनीय वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है।