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जाकिर नाइक के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में भगोड़ा घोषित कर रेड कार्नर नोटिस जारी होगा

2012 से 2016 के बीच जाकिर नाइक ने अपने दुबई के एकाउंट से मुंबई के निजी एकाउंट में 49.20 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये लेकिन दुबई में इस कमाई का स्रोत अज्ञात हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Sun, 09 Jun 2019 07:34 PM (IST)
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जाकिर नाइक के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में भगोड़ा घोषित कर रेड कार्नर नोटिस जारी होगा
नीलू रंजन, नई दिल्ली। धार्मिक कट्टरता फैलाने के आरोपित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक के खिलाफ इंटरपोल का रेड कार्नर नोटिस जारी करवाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। नाईक के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में आरोपपत्र दाखिल करने के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत से उसे भगोड़ा घोषित करने की अपील की है। एक बार भगोड़ा घोषित होने के बाद इंटरपोल से रेड कार्नर नोटिस जारी करने के लिए कहा जाएगा।

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रेड कार्नर नोटिस जारी कराने के लिए जाकिर नाइक को अदालत से भगोड़ा घोषित कराना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मुंबई की विशेष अदालत में अपील दाखिल की गई है और इसी महीने इस पर फैसला आने की उम्मीद है।

भारतीय जांच एजेंसियों के बढ़ते शिकंजे के बाद जाकिर नाइक मलेशिया भाग गया है और वहीं रह रहा है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इंटरपोल से रेड कार्नर नोटिस जारी होने के बाद नाइक को भारत को सौंपने के लिए कूटनीतिक दबाव बनाया जाएगा।

दरअसल ईडी ने पिछले महीने मनी लांड्रिंग के आरोप में जाकिर नाइक के खिलाफ पहली बार मुंबई की विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था। इसमें धार्मिक भावनाओं को भड़काने की आड़ में जाकिर नाइक के करोड़ों रुपये की मनी लांड्रिंग के सुबूत दिये गए हैं।

आरोपपत्र में बताया गया है कि किस तरह जाकिर नाइक ने भारत, दुबई और ब्रिटेन समेत कई देशों में दर्जनों कंपनियां बना रखी थीं। पकड़े जाने के डर से उसने इन कंपनियों में अपने करीबियों और रिश्तेदारों को निदेशक बना रखा था।

ईडी के आरोपपत्र के अनुसार जाकिर नाइक के अधिकांश विवादित भाषण 2007 से 2011 के बीच 10 दिन के पीस कांफ्रेंस के दौरान दिये गए थे। इसका आयोजन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आइआरएफ) करता था। इन भाषणों को रिकार्ड कर एडिट करने का अधिकार के लिए उसने हारमनी मीडिया के नाम से अलग कंपनी बना रखी थी। हारमनी मीडिया इन भाषणों को दुबई के ग्लोबल ब्रॉडकास्ट कॉॅरपोरेशन नाम कंपनी को बेचता था, जो जाकिर नाइक की ही दूसरी कंपनी थी।

इसके बाद इन भाषणों का डीवीडी बनाकर आम जनता में बांटा जाता था। ईडी की जांच से पता चला कि पीस कांफ्रेंस आयोजित करने वाले आइआरएफ के पास 2003-04 से 2016-17 तक दुबई से 64.86 करोड़ रुपये आए थे, जिनके स्रोत संदिग्ध हैं। इसके साथ ही पीस कांफ्रेंस के दौरान लोगों से बड़ी मात्रा में दान करने की अपील की जाती थी। बाद में इस धन को अलग-अलग निवेश किया जाता था। ईडी ने इस पैसे से चेन्नई में 6.2 करोड़ की एक स्कूल बिल्डिंग खरीदने और 9.41 करोड़ रुपये म्यूचुअल फंड में निवेश करने के सुबूत मिले हैं। जाहिर है ईडी इन्हें जब्त कर चुका है।

2012 से 2016 के बीच जाकिर नाइक ने अपने दुबई के एकाउंट से मुंबई के निजी एकाउंट में 49.20 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये, लेकिन दुबई में इस कमाई का स्रोत अज्ञात हैं। मनी लांड्रिंग के मार्फत आए धन से जाकिर नाइक मुंबई में पत्नी, बहन, बेटा, भतीजा के नाम पर करोड़ों रुपये की संपत्ति खरीदता रहा।

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