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'भगवान का न्याय बड़ा विचित्र, अहंकारियों को...', RSS नेता इंद्रेश कुमार ने चुनाव नतीजों को लेकर BJP पर साधा निशाना

Indresh Kumar targeted BJP आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने भाजपा पर इशारों-इशारों में निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भगवान का न्याय सब पर भारी होता है चुनाव में भी यही दिखा। इंद्रेश कुमार ने भाजपा को इशारों-इशारों में अहंकारी और इंडी गठबंधन को राम विरोधी कहा। आरएसएस नेता ने कहा कि जिन्हें अहंकार आ गया था उनको प्रभु ने सबसे बड़ी पार्टी तो बनाया लेकिन पूरा हक नहीं दिया।

By Jagran News Edited By: Mahen Khanna Updated: Fri, 14 Jun 2024 09:12 AM (IST)
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Indresh Kumar targeted BJP इंद्रेश कुमार का भाजपा पर तंज।

जागरण डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Indresh Kumar targeted BJP लोकसभा चुनाव में आए नतीजों के बाद भाजपा निशाने पर है। चुनाव में बहुमत से दूर रही भाजपा को लेकर अब मोहन भागवत के बाद आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने बड़ा बयान दिया। इंद्रेश कुमार ने भाजपा को इशारों-इशारों में अहंकारी और इंडी गठबंधन को राम विरोधी कहा। 

प्रभु का न्याय विचित्रः इंद्रेश कुमार

इंद्रेश कुमार ने आगे कहा कि प्रभु राम सभी के साथ न्याय करते हैं। उनका न्याय बहुत विचित्र है, जो 2024 के चुनाव में भी दिखा। आरएसएस नेता ने कहा कि जिन लोगों ने राम की भक्ति की, लेकिन उनमें अहंकार आ गया तो उनको प्रभु ने सबसे बड़ी पार्टी तो बनाया लेकिन वो शक्ति और पूरा हक नहीं दिया जो मिलना चाहिए था। ये सब अहंकार के कारण हुआ।

इंडी गठबंधन को भी घेरा

इंद्रेश कुमार ने आगे कहा कि जिन लोगों ने राम का विरोध किया उन्हें भी प्रभु ने सबक सिखाया। किसी को शक्ति नहीं मिली, चाहे सब मिलकर लड़े लेकिन वो एक नंबर नहीं बने और 2 पर ही अटक गए। यही प्रभु का न्याय है, जो बहुत विचित्र और आनंददायक है। 

इंद्रेश कुमार का यह बयान जयपुर के पास कानोता में आयोजित 'रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह' में एक भाषण के दौरान आया। उन्होंने किसी पार्टी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारों-इशारों में सब कुछ कह दिया। 

भगवान राम भेदभाव नहीं करते

आरएसएस नेता ने आगे कहा कि भगवान राम किसी से भी भेदभाव नहीं करते और न ही किसी को दंडित करते हैं। राम सभी के साथ न्याय करते हैं, क्योंकि वो न्यायप्रिय हैं। 

मोहन भागवत ने भी दिया था बड़ा बयान

इससे पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी बड़ा बयान दिया था। भागवत ने कहा था कि एक सच्चे सेवक में अहंकार नहीं होना चाहिए। उसे केवल गरिमा बनाए रखते हुए लोगों की सेवा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो सच्चा सेवक होता है उसे ये अहंकार नहीं होता कि ये मैंने किया वो मैंने किया।