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राजनीतिक उठापटक कुछ भी हो राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर बनेगा-मोहन भागवत

धर्म संसद में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसस) के सर संघचालक मोहन भागवत ने स्पष्ट कहा कि राजनीतिक उठापटक कुछ भी हो राम जन्म भूमि पर सिर्फ भव्य मंदिर बनेगा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Sat, 02 Feb 2019 09:03 AM (IST)
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राजनीतिक उठापटक कुछ भी हो राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर बनेगा-मोहन भागवत

प्रयागराज, जेएनएन। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की धर्म संसद में शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसस) के सर संघचालक मोहन भागवत ने स्पष्ट कहा कि राजनीतिक उठापटक कुछ भी हो राम जन्म भूमि पर सिर्फ भव्य मंदिर बनेगा। इसके अतिरिक्त कुछ मंजूर नहीं है। हम एक इंच भी भूमि नहीं छोड़ेंगे। कहा कि आंदोलन निर्णायक दौर में पहुंच गया है। रास्ता सोच समझकर अपनाना पड़ेगा। कानून बनाने की मांग हमारी है और आगे भी जारी रहेगी। अब यह सरकार कैसे कर सकती है, सोचना उसका काम है। सरकार अपना इरादा जाहिर करेगी तो संतों का आशीर्वाद उन्हें मिलेगा। संतों ने जो तय कर दिया है हम उसी पर चलेंगे।

जमीन वापस मिलेगी तो मंदिर बनेगा

धर्म संसद में राम मंदिर निर्माण की तारीख घोषित करने की मांग को लेकर संतों के तीखे तेवर के बीच मोहन भागवत ने कहा कि केंद्र में एनडीए की सरकार आने के बाद हमारा मत था कि तीन साल इनको छेड़ेंगे नहीं। मंदिर निर्माण में विलंब होता देखकर हमने सख्ती से उन्हें समझाया। हमारे सर कार्यवाह ने सख्त भाषा में बात रखी। सरकार में ऐसे लोग हैं जो मंदिर बनाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें संविधान के दायरे में भी चलना है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गैरविवादित जमीन की मांग को लेकर अर्जी दी है। यह सराहनीय कदम है। जमीन वापस मिलेगी तो मंदिर बनेगा। 

मोहन भागवत ने कहा कि मंदिर सिंह द्वार से बनना शुरू होकर गर्भगृह तक पहुंचेगा। आने वाले दो तीन साल में मंदिर बन जाएगा। कोई भी कदम सोच समझ कर उठाना होगा। कहा कि चुनाव आ गया है। जनता को यह समझना होगा। मंदिर सिर्फ वोटरों को खुश करने के लिए नहीं बनाया जाएगा। संघ प्रमुख ने कहा कि जनता के मन में भव्य राम मंदिर का सपना है। हम सकारात्मक सोच रखें। यह समय हिंदू धर्म के उत्थान का है। इस समय निराशा को स्थान मत दीजिए। विजय का समय आ गया है। संघ यह काम पूर्ण कराएगा। चार से छह माह का समय दीजिए। मोहन भागवत ने कहा कि संघ कोई आंदोलन नहीं चलाता। उसका काम सिर्फ शाखाएं लगाना है लेकिन राम जन्मभूमि का आंदोलन संघ ने विहिप के साथ मिल कर चलाया। पहले यह आंदोलन यूपी तक सिमटा था। आज यह देशव्यापी आंदोलन बन गया है।

सरकार जनता की भावनाओं का ध्यान रखे : नृत्यगोपाल दास

धर्म संसद की अध्यक्षता करते हुए राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार जनता की भावनाओं का ध्यान रखे। उसे अभी सावधान होने की जरूरत है। केंद्र एवं प्रदेश दोनों जगह अपनी सरकार है। समय की मांग है। जनता का आग्रह है। भक्तों की मनोकामना है। राम लला जहां विराजमान हैं वहां भव्य मंदिर बनना चाहिए। 

मंदिर निर्माण के लिए व्यूह रचना बनानी होगी : अवधेशानंद गिरि

धर्म संसद में जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि संत संविधान का सम्मान करते हैं नहीं तो ढांचा कब का गिर गया होता। मंदिर निर्माण का आंदोलन अब निर्णायक अवस्था में है। हमें इसकी बेहतर व्यूहरचना बनानी होगी। संयम, धैर्य और आत्मबल मजबूत रखना होगा। हम ऐसा प्रयास करें कि आने वाली सरकार इसका मार्ग प्रशस्त करे। जो सरकार निर्वाचित होकर आए वह राम मंदिर का निर्माण करे। कहा कि नवरात्र में श्रीराम जयराम जय जय राम का एक करोड़ लोग जप करेंगे तो सबको बड़ा आध्यात्मिक बल मिलेगा। 

मंदिर बने लेकिन राष्ट्र मंदिर पर आंच न आए : स्वामी चिदानंद

परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि राम मंदिर बने लेकिन राष्ट्र मंदिर पर आंच नहीं आए। सरकार की प्राथमिकता में राम मंदिर है। यह सरकार पद प्रतिष्ठा के लिए नहीं देश की गरिमा को ध्यान में रखकर काम कर रही है। धर्म संसद की कुछ पीड़ाएं हैं। उसे ध्यान में रखना होगा। स्वामी चिदानंद ने कहा कि जो खोया उसका गम नहीं, जो बचा है वह कम नहीं। आपका हक आपकी हकीकत में बदलेगा।