सबरीमाला पर 'सुप्रीम फैसले' के खिलाफ BJP का मार्च, केरल सरकार पर लगाए आरोप
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं पर लगी पाबंदी हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भाजपा का विरोध प्रदर्शन।
By Nancy BajpaiEdited By: Updated: Mon, 15 Oct 2018 01:01 PM (IST)
तिरुवनंतपुरम, एएनआइ। केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं पर लगी पाबंदी हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध बढ़ता जा रहा है। कोर्ट ने मंदिर में 10-50 साल की महिलाओं की एंट्री पर लगी पाबंदी हटा दी है, जिसके बाद से राज्य में न सिर्फ भगवान अयप्पा के भक्त जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं, बल्कि इस विरोध प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हैं। उधर, भाजपा ने भी इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
भाजपा ने राजधानी तिरुवनंतपुरम में सबरीमाला मंदिर मामले में कोर्ट के फैसले के खिलाफ मार्च निकाला। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पी श्रीधरन पिल्लौ ने प्रदर्शन की कमान संभाल रखी है, पिछले पांच दिनों से चल रहे लंबे मार्च आज केरल सचिवालय के सामने खत्म होगा। बता दें कि केरल के कई हिस्सों से होता हुआ भाजपा का विरोध में निकाला गया यह मार्च रविवार को तिरुवनंतपुरम पहुंचा था। भाजपा के इस मार्च में राज्य के कई हिस्सों से लोग शामिल हुए हैं।
पिल्लै का कहना है कि पंडलम से तिरुवनंतपुरम तक का यह मार्च इस बात को दिखाने के लिए था कि भगवान अयप्पा के भक्त सरकार के इस फैसले से कितना नाराज हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, 'केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को जल्दबाजी में लागू कर हिंदू भावनाओं के साथ खेल रही है।' गौरतलब है कि केरल सरकार ने कहा था कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं और इस मामले में कोई भी पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेंगे।उधर, इस मामले पर अभिनेता और मक्कल सुधी मायाम के संस्थापक अध्यक्ष कमल हासन ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा है, 'यह सुप्रीम कोर्ट और भक्तों के बीच एक मामला है। मैं सिर्फ एक दर्शक हूं। मैं इस पर टिप्पणी करने वाला नहीं हूं। मैं यहां तक की 'NO COMMENT' भी करने वाला नहीं हूं।'