डेंगू, मलेरिया, HIV... सनातन धर्म को लेकर क्यों बिगड़ रहे नेताओं के बोल? उदयनिधि के बाद ए राजा के बयान पर बवाल
सनातन धर्म को डेंगू मच्छर मलेरिया और कोरोना से तुलना करने वाले डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन की चर्चा आज देशभर में हो रही है। दक्षिण से लेकर उत्तर भारत तक में उनके एक बयान ने सियासी भूचाल ला दिया है। धर्मगुरुओं से लेकर राजनेताओं तक ने उनके बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी। वहीं उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ देशभर में कई जगहों पर एफआईआर भी दर्ज किए गए।
उदयनिधि स्टालिन के लिए भाजपा ने विपक्ष को लिया आड़े हाथों
भाजपा नेताओं ने उदयनिधि स्टालिन के जरिए विपक्षी गठबंधन आई.एन.डी.आई.ए. को ही घेरना शुरू कर दिया। उन्होंने राजस्थान के जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "दो दिन से आप (गठबंधन) इस देश की संस्कृति और सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं। I.N.D.I.A गठबंधन के दो प्रमुख दल कांग्रेस और डीएमके (एक वित्त मंत्री का बेटा और एक मुख्यमंत्री का बेटा) कह रहे हैं कि सनातन धर्म को समाप्त कर देना चाहिए। तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति करने कि लिए इन लोगों ने 'सनातन धर्म' का अपमान किया है।"धर्मगुरुओं ने की बयान की आलोचना
उदयनिधि के इस बयान पर चिलकुर बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारी रंगराजन ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ने उनके (उदयनिधि) जैसे लाखों लोगों को देखा है और वह समय की कसौटी पर खरा उतरा है।रंगराजन ने सनातन धर्म के संदर्भ में कहा कि उसने इस देश में सबसे भयावह आक्रमणों को देखा है, उसने विनाश और विध्वंसक हमलों को देखा है। यहां तक की इसका पालन करने वालों पर भी अत्याचार हुए... इसके बावजूद यह देश में अभी भी जीवित है। हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि सनातन धर्म सदियों से अस्तित्व में है और रहेगा। आईएनडीआईए गठबंधन से जुड़े लोग पीएम मोदी से नहीं, 'सनातन धर्म' से लड़ रहे हैं। उनका उद्देश्य 'सनातन धर्म' को खत्म करना है।ए राजा, प्रियांक खरगे समेत इन नेताओं ने किया बयान का समर्थन
एक तरफ जहां उदयनिधि स्टालिन के बयान की लोग कड़ी निंदा कर रहे थे। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने उदयनिधि के बयान का समर्थन किया और कहा,"कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है या यह सुनिश्चित नहीं करता है कि आपके पास मानव होने की गरिमा है, वह धर्म नहीं है।" मैं... कोई भी धर्म जो आपको समान अधिकार नहीं देता या आपके साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता वह बीमारी के समान ही है।" प्रियांक खरगे के अलावा राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने भी उदयनिधि स्टालिन के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा," मैं समझता हूं कि कभी-कभी हम लोगों को प्रतीक मुहावरों के अंदर जाकर सोचना होगा। हिंदुस्तान का एक मिजाज रहा है, कई लोगों के सनातन में कई सारी विकृतियां हैं। क्या जाति व्यवस्था अच्छी चीज है। उन्होंने कबीर के एक दोहे का जिक्र करते हुए कहा कि इस देश में कबीर ने कई दोहे कहे, क्या आप उन्हें फांसी पर चढ़ा देंगे।" इसके बाद डीएमके नेता ए राजा ने भी उदयनिधि स्टालिन के बयान का समर्थन करते हुए सनातन धर्म के खिलाफ टिप्पणी कर दी। ए राजा ने कहा,"सनातन की तुलना एचआईवी और कुष्ठ रोग जैसे सामाजिक कलंक वाली बीमारियों से की जानी चाहिए।"उदयनिधि के खिलाफ दर्ज हुए कई एफआईआर
उदयनिधि स्टालिन के बयान पर मचे सियासी घमासान के बीच उनके खिलाफ देश के कई राज्यों में मामले दर्ज किए गए। दिल्ली, यूपी, कर्नाटक समेत कई राज्यों में सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने के लिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किए गए। उत्तर प्रदेश के रामपुर में तो उदयनिधि स्टालिन के साथ-साथ प्रियांक खरगे के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया।धीरे-धीरे विपक्षी नेताओं ने भी सामने आई प्रतिक्रिया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उदयनिधि स्टालिन के बयान पर आपत्ति जाहिर की । उन्होंने कहा ,"मैं खुद सनातन धर्म से आता हूं और मुझे लगता है कि किसी नेता को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए।"ममता बनर्जी ने भी बयान की खिलाफत की
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उदयनिधि को इस तरह के बयान से बचने की नसीहत दी थी। उन्होंने कहा था,"मैं तमिलनाडु के लोगों का बहुत सम्मान करती हूं, लेकिन उनसे मेरा विनम्र अनुरोध है कि हर धर्म की अपनी अलग-अलग भावनाएं होती हैं।" हमें ऐसे किसी भी मामले में शामिल नहीं होना चाहिए जिससे किसी भी वर्ग को ठेस पहुंचे।शिवसेना नेता संजय राउत बोले,"मैंने वह बयान सुना है... उदयनिधि स्टालिन एक मंत्री हैं और कोई भी उनके बयान का समर्थन नहीं करेगा। ,"किसी को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए... यह डीएमके का विचार हो सकता है या उनका निजी विचार है। इस देश में लगभग 90 करोड़ हिंदू रहते हैं और अन्य धर्मों के लोग भी इस देश में रहते हैं...उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जा सकती।कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री करण सिंह ने भी उदयनिधि स्टालिन बयान की खिलाफत की थी। उन्होंने इस बयान को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
उदयनिधि के सिर कलम के बाद अब थप्पड़ मारने की धमकी
मुकदमा दर्ज करने और राजनीतिक निंदा के बीच अयोध्या के एक संत परमहंस आचार्य ने उनके सिर कलम करने वालों को 10 करोड़ रुपये का इनाम देने की भी घोषणा कर दी। संत परमहंस आचार्य ने ये भी कहा था कि अगर 10 करोड़ रुपये उनका सिर काटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं, तो मैं इनाम बढ़ा दूंगा, लेकिन 'सनातन धर्म' के अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।वहीं, आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक गैर-लाभकारी हिंदू संगठन जन जागरण समिति ने सनातन धर्म के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी के लिए उदयनिधि स्टालिन को थप्पड़ मारने वाले को 10 लाख रुपये नकद इनाम देने की घोषणा कर दी है। संगठन ने इसे लेकर विजयवाड़ा में कई जगहों पर पोस्टर भी लगाए हैं।उदयनिधि ने अपने सफाई में क्या कहा?
सनातन धर्म के खिलाफ बयान देकर जब उदयनिधि स्टालिन चौतरफा घिर गए तो गुरुवार (7 सितंबर) को उन्होंने सफाई दे डाली। उन्होंने कहा," मैं डीएमके के संस्थापक पेरारिग्नर अन्ना के राजनीतिक उत्तराधिकारियों में से एक हूं। सब जानते हैं कि हम किसी धर्म के दुश्मन नहीं हैं।"उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई धर्म लोगों को जातियों के नाम पर बांटता है, अगर वह उन्हें छुआछूत और गुलामी सिखाता है, तो मैं उस धर्म का विरोध करने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा।"उदयनिधि ने आगे कहा, "मैं धर्मों पर अन्ना अन्नादुरई की टिप्पणी दोहराना चाहूंगा जोकि आज भी प्रासंगिक है, "अगर कोई धर्म लोगों को समानता की ओर ले जाता है और उन्हें भाईचारा सिखाता है, तो मैं भी एक अध्यात्मवादी हूं।