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चूक गए चाणक्य, अघाड़ी में और बढ़ेगी खींचतान! शरद पवार बोले- बागियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

महाराष्ट्र में पवार के भतीजे अजित पवार कई विधायकों के साथ शिंदे गुट की शिवसेना और भाजपा की सरकार के साथ शामिल हो गए। उनका दावा है कि असली राकांपा उनके साथ है। अब शरद पवार यह चेतावनी दे रहे हैं कि बागियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। यह देखा जाना बाकी है कि संगठन में अजित पवार के पास कितनी ताकत है।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sun, 02 Jul 2023 09:24 PM (IST)
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार (फोटो: पीटीआई)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जिस शरद पवार को चाणक्य माना जा रहा था वही चूक गए। महाराष्ट्र में शिवसेना के बाद जिस तरह राकांपा में टूट हुई है उसने महाविकास अघाड़ी को तो कमजोर कर ही दिया है, राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों की एकजुटता पर भी पानी डाल दिया है।

ध्यान देने की बात है एक साथ आने की कसमों के बावजूद सभी क्षेत्रीय दल अपने-अपने राज्यों में कांग्रेस पर लगाम लगाकर रखना चाहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र की दोनों घटनाओं के बाद जो स्थिति बनी है उसमें फिलहाल कांग्रेस ही सबसे ताकतवर है। यानी आने वाले दिनों में आपसी खींचतान दिख सकती है।

क्या कुछ बोले अजित पवार?

महाराष्ट्र में पवार के भतीजे अजित पवार कई विधायकों के साथ शिंदे गुट की शिवसेना और भाजपा की सरकार के साथ शामिल हो गए। उनका दावा है कि असली राकांपा उनके साथ है। अब शरद पवार यह चेतावनी दे रहे हैं कि बागियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

यह देखा जाना बाकी है कि संगठन में अजित पवार के पास कितनी ताकत है। ध्यान रहे कि शिवसेना मामले में चुनाव आयोग का फैसला आ चुका है। शिंदे ने उद्धव के महाविकास अघाड़ी में जाने का विरोध किया था।

बताया जा रहा है कि राकांपा के अंदर भी रोष तब पनपना शुरू हुआ था जब यह संदेश जाने लगा कि पार्टी ने राहुल गांधी के नेतृत्व को स्वीकार कर लिया है। इसके कारण भी पार्टी के अंदर नाराजगी थी।

राहुल को लेकर क्या बोले थे लालू?

गौरतलब है कि पवार की मौजूदगी में ही पटना मे लालू यादव ने राहुल के दूल्हा बनने और बाकियों के बाराती जाने की बात कही थी। यह मजाकिया तौर पर कहा गया था, लेकिन इसका राजनीतिक रंग बहुत छिपा नहीं है। जहां तक विपक्षी एकजुटता की बात है तो सही मायने में यह तीन राज्य में ही आजमाया जाना है। बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र।

महाराष्ट में सबसे अधिक 48 लोकसभा सीटें है। लेकिन जिस तरह महाराष्ट्र का कुनबा टूट रहा है, उससे उनकी स्थिति नाजुक हो सकती है।