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'मैं भविष्य में कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा' कहने वाले शरद पवार की पार्टी का कैसे हुआ बुरा हाल? इतिहास का सबसे खराब प्रदर्शन

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे अधिक 131 सीटों पर आगे चल रही है। दूसरे नबंर पर एकनाथ शिंदे की पार्टी है। 55 सीटों पर शिवसेना आगे चल रही है। तीसरे स्थान पर अजित पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) ने 41 सीटों पर बढ़त बना रखी है। विधानसभा चुनाव में सबसे खराब प्रदर्शन शरद पवार की पार्टी ने किया है। वह महज 12 सीटों पर आगे चल रही है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sat, 23 Nov 2024 04:37 PM (IST)
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अजित पवार और शरद पवार। ( फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 में शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) ने कुल आठ सीटों पर जीत दर्ज की। मगर छह महीने बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पार्टी औंधे मुंह गिर गई। 1999 में बनी एनसीपी अब दो हिस्सों में बंट चुकी है। मगर यह पार्टी का सबसे खराब प्रदर्शन है। 1999 में पार्टी ने अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। तब उसे कुल 58 सीटों पर जीत मिली थी। 1999 से 2014 तक शरद पवार की पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन में सत्ता की भागीदार रही है।

सबसे खराब प्रदर्शन

83 साल के शरद पवार ने विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान अपनी परंपरागत सीट बारामती में कहा था, "मैं सत्ता में नहीं हूं। राज्यसभा में भी मेरा कार्यकाल डेढ़ साल बचा है। इसके बाद मैं भविष्य में कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा। अगर शरद पवार अपनी बात पर अड़े रहते हैं तो यह उनके नेतृत्व में पार्टी का आखिरी विधानसभा चुनाव होगा। खास बात यह है कि छह दशक से भी लंबे शरद पवार के राजनीतिक जीवन का यह सबसे खराब चुनाव साबित होगा।

भतीजे ने दी चाचा को मात

विधानसभा चुनाव में शरद पवार की पार्टी कुल 12 सीटों पर आगे है। यह वही पार्टी है, जो लोकसभा में 8 सीटों पर चुनाव जीत चुकी है। विधानसभा चुनाव में पार्टी ने महा विकास अघाड़ी गठबंधन के तहत कुल 87 सीटों पर चुनाव लड़ा था। मगर पार्टी को सिर्फ 12 सीटों पर ही बढ़त मिली है। उधर, भतीजे अजित पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 39 सीटों पर बढ़त बना रखी है। भाजपा और शिवसेना के बाद अजित की पार्टी सबसे बड़ा सियासी दल बनकर उभरी है। 

जब दो धड़ों में बंटी एनसीपी

जुलाई 2023 में शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने बगावत करके पार्टी को दो हिस्सों में बांट दिया। अजित को 40 से अधिक विधायकों का समर्थन मिला। भाजपा और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ अजित पवार महायुति सरकार का हिस्सा बने। मगर चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच असली एनसीपी की जंग जारी रही।

पहली लड़ाई पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर छिड़ी। मगर यहां अजित गुट की जीत हुई। पार्टी का असली नाम और चुनाव चिह्न अजित गुट को मिला। विधानसभा चुनाव में भी शरद पवार ने असली एनसीपी होने का दावा किया। मगर जनता का साथ नहीं मिला। पार्टी टूटने के बाद यह शरद पवार और अजित पवार गुट के बीच पहला विधानसभा चुनाव था। मगर भतीजे के सामने चाचा को शिकस्त का सामना करना पड़ा।

विधानसभा चुनावों में एनसीपी का प्रदर्शन

  • एनसीपी ने 1999 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। पार्टी को कुल 58 विधानसभा सीटों पर जीत मिली। पहली बार एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी। 
  • 2004 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एनसीपी ने 124 सीटों पर चुनाव लड़ा। पार्टी को 71 सीटों पर जीत मिली।
  • 2009 विधानसभा चुनाव में एनसीपी कुल 114 सीटों पर चुनाव लड़ी। कुल 62 सीटों पर कब्जा जमाया।
  • 2014 विधानसभा चुनाव में एनसीपी को 41 सीटों पर कामयाबी मिली।
  • 2019 विधानसभा चुनाव में 54 सीटों पर पार्टी ने अपनी जीत दर्ज की।
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