Shiv Sena Row: अब SC की चौखट पर उद्धव ठाकरे तो संजय राउत की बढ़ी मुश्किलें; 10 प्वाइंट्स में जानें ताजा हालात
Shiv Sena Row शिवसेना की स्थापना 19 जून 1966 को बालासाहेब ठाकरे ने की थी। हालांकि 57 साल बाद पहली बार पार्टी की कमान परिवार के हाथों से निकल गई और शिंदे गुट को चुनाव आयोग ने असली शिवसेना के रुप में मान्यता दी।
By Mohd FaisalEdited By: Mohd FaisalUpdated: Mon, 20 Feb 2023 11:18 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। शिवसेना की कमान अब शिंदे गुट के हाथों में चली गई है। चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना के रुप में मान्यता दी है। इसके साथ ही शिंदे गुट को पार्टी का चुनाव चिह्न 'धनुष-तीर कमान' भी मिल गया है। वहीं, आज उद्धव ठाकरे गुट के वकील ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम शिवसेना और चुनाव चिह्न करने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने वकील से कल इसका जिक्र करने को कहा है।
Lawyer of Uddhav Thackeray faction mentions plea before Supreme Court, challenging Election Commission's move to allot party name "Shiv Sena" and the symbol "Bow and Arrow" to the faction led by Maharashtra CM Eknath Shinde.
Supreme Court asks the lawyer to mention it tomorrow. pic.twitter.com/HQOh4pbWrp
— ANI (@ANI) February 20, 2023
बताते चलें कि उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के इस फैसले की आलोचना की और कहा कि धनुष और बाण चोरी करने वाले चोरों को खत्म करेंगे। अब जब शिवसेना की कमान शिंदे गुट को मिल गई है तो महाराष्ट्र में सियासी जंग तेज हो सकती है। जानिए कैसे।
- शिवसेना की स्थापना 19 जून 1966 को बालासाहेब ठाकरे ने की थी, लेकिन 57 साल बाद पहली बार पार्टी की कमान परिवार के हाथों से निकल गई और शिंदे गुट को चुनाव आयोग ने असली शिवसेना के रुप में मान्यता दी।
- उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) सोमवार को चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका दायर की।
- ECI ने शुक्रवार को शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी और उसे धनुष और तीर चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया।
- सांसद अनिल देसाई के नेतृत्व में एक टीम सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध विकल्पों पर कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श कर रही है। जिसमें शिवसेना शिंदे और 15 अन्य बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के संबंध में याचिका दायर की जा सकती है।
- चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने के लिए उद्धव गुट अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपना अंतिम आदेश दिए जाने तक पिछले साल आवंटित किए गए अस्थायी नामों और चुनाव चिह्नों पर यथास्थिति बनाए रखने का आग्रह करेगा।
- वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने शनिवार को एक कैविएट दायर की है, जिसमें मांग की गई है कि ठाकरे की याचिका पर कोई आदेश पारित करने से पहले उन्हें सुना जाए।
- इससे पहले रविवार को सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा था कि चुनाव आयोग का फैसला सच्चाई की जीत है।
- इसके अलावा शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता अनिल परब ने कहा कि चुनाव आयोग के आदेश ने अपने फैसले में कई संवैधानिक पहलुओं पर विचार नहीं किया है।
- साथ ही शिवसेना (यूबीटी) ने शिवसेना की आधिकारिक वेबसाइट को हटा दिया और ट्विटर हैंडल को बदलकर शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे कर दिया है।
- उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि चुनाव आयोग के आदेश से मोगेंबो खुश हुआ। उन्होंने कहा कि मैंने भाजपा छोड़ी है, हिंदुत्व नहीं।
- शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे गुट के पास जाने के बाद अब पार्टी ऑफिसों के नियंत्रण को लेकर राज्य में नई लड़ाई दिखाई दे सकती है। बता दें कि शिवसेना की मुंबई में 227 शाखाएं हैं।
- उद्धव ठाकरे ने आज दोपहर 12:30 बजे मुंबई के शिवसेना भवन में अहम बैठक बुलाई है। बैठक में ठाकरे गुट के सभी विधायकों और नेताओं के मौजूद रहने की उम्मीद है।
- बता दें कि महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत के खिलाफ नासिक में शिकायत दर्ज की गई है।